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आइल बरतिया तोहार हे छठी मइया

चार दिवसीय छठ व्रत का अनुष्ठान सोमवार को शुरू हो जायेगा। व्रती आम के दातुन , गंगा अथवा नदी, नहर या तालाब में पवित्र स्नान

By Mrityunjay Kumar Edited By: Published: Sun, 26 Oct 2014 02:00 PM (IST)Updated: Sun, 26 Oct 2014 02:10 PM (IST)
आइल बरतिया तोहार हे छठी मइया
पटना। चार दिवसीय छठ व्रत का अनुष्ठान सोमवार को शुरू हो जायेगा। व्रती आम के दातुन , गंगा अथवा नदी, नहर या तालाब में पवित्र स्नान के साथ ही नहाय-खाय से व्रत की शुरुआत करेंगे। शरीर को शुद्ध करने की प्रक्रिया के साथ नहाय-खाय के दिन शुरू होती है। नहाय-खाय के दिन व्रती सुबह नाखून काटते हैं। आम की दातुन के बाद गंगा, सोन, पुनपुन अथवा अन्य नदी-तालाब में स्नान करते हैं। पटना में लोग गंगा स्नान कर अपने घर गंगाजल ले जाते हैं। घर में पीतल, कांसा या फूल के वर्तन में आम की लकड़ी से अरवा चावल, चना दाल और कदू की सब्जी बनाते हैं। नहाय-खाय के दिन का यही प्रसाद माना जाता है।
खरना का प्रसाद
व्रती पूरे दिन उपवास रहते हैं। शाम में गंगा अथवा अन्य नदी-तालाब में पानी से स्नान कर प्रसाद बनाते हैं। पटना में खरना के प्रसाद में गंगाजल, दूध, गुड़ और अरवा चावल की खीर तैयार करते हैं। प्रसाद मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ी से बनाने की परंपरा रही है। पवित्रता से धोए गए गेहूं के आटे की रोटी और फल-दूध प्रसाद के रूप में व्रती ग्रहण करते हैं।
घरों में तैयारी, बाजार में खरीदारी शुरू
महापर्व छठ को लेकर तैयारी काफी जोर-शोर से शुरू हो गई है। लोग अपनी जरूरत के अनुसार सामग्री की खरीदारी कर रहे हैं। बाजारों में छठ के मद्देनजर विभिन्न पूजनं सामग्री आम की लकड़ी, सूप और दउरा बिकने लगे है। शनिवार को काफी संख्या में व्रतियों ने सूप, नारियल, आम की लकड़ी, गेहूं एवं चावल, दाल आदि कई सामग्री की खरीदारी की। राजधानी के विभिन्न मोहल्ले में अलग-अलग कीमतों पर आम की लकड़ी की बिक्री की जा रही है। व्रती अपनी जरूरत के अनुसार लकड़ी की खरीदारी कर रहे हैं। कोई पांच किलो तो कई दस व पन्द्रह किलो आम की लकड़ी खरीद रहा था। राजधानी के प्रमुख सड़कों के फुटपाथों पर आम की लड़की बेचने के लिए अस्थाई दुकानें लगाई गई हैं। बोरिंग रोड में आम की लकड़ी 100 रुपये में पांच किलो मिल रही थी। लकड़ी विक्रेता मनोज कुमार का कहना है कि कल लकड़ी की मांग काफी बढ़ जाएगी। सोमवार को नहाय-खाय है। नहाय-खाय के दिन व्रतियों के लिए भोजन आम की लकड़ी पर ही बनेगा। साथ ही आम की लकड़ी पर ही खरना की प्रसाद बनाई जाएगी। अघ्र्य देने के लिए बनने वाला पकवान भी आम की लकड़ी से ही मिट्टी के नए चूल्हे पर बनाए जाएंगे।
भगवान भास्कर को अघ्र्य घर में बने पकवानों से ही दिए जाते हैं। घर में बनाए गए पकवानों को काफी शुद्धता एवं पवित्रता के साथ बनाया जाता है।क आस्था के महापर्व छठ को लेकर राजधानी में तैयारी काफी जोर-शोर से शुरू हो गई है। लोग अपनी जरूरत के अनुसार सामग्री की खरीदारी कर रहे हैं। बाजारों में छठ के मद्देनजर विभिन्न पूजनं सामग्री आम की लकड़ी, सूप और दउरा बिकने लगे है। शनिवार को काफी संख्या में व्रतियों ने सूप, नारियल, आम की लकड़ी, गेहूं एवं चावल, दाल आदि कई सामग्री की खरीदारी की।

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