खराब गेंहूं लेने के लिए केंद्र कर रहा बाध्य : श्याम रजक
खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्याम रजक ने कहा कि केंद्रीय मंत्री घोषणा के बदले बिहार में केंद्रीय कार्यालयों की व्यवस्था ठीक करें ताकि तय समय पर उपभोक्ताओं को अनाज मिल सके। उन्होंने कहा कि हिदायत के बावजूद लोगों को खराब गेहूं लेने के लिए बाध्य किया जा रहा है।
पटना। खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्याम रजक ने कहा है कि केंद्रीय मंत्री घोषणा के बदले बिहार में केंद्रीय कार्यालयों की व्यवस्था ठीक करें ताकि तय समय पर उपभोक्ताओं को अनाज मिल सके। उन्होंने कहा कि हिदायत के बावजूद लोगों को खराब गेहूं लेने के लिए बाध्य किया जा रहा है। केंद्र इसे वापस ले।
रजक ने कहा कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) ने कई समस्याएं उत्पन्न कर दी हैं, जिनके कारण जून के अनाज के उठाव में परेशानी हो रही है। बिहार ने एफसीआइ को अनाज की अनुपलब्धता, श्रमिक समस्या, जिला प्रबंधक बेगूसराय की अधियाचना के आधार पर युक्तिसंगत डिपो से अनाज उठाने तथा गुणवता पूर्ण गेहूं निर्गत करने के संबंध में कड़ा पत्र निर्गत किया है।
इसमें कहा गया है जयनगर में एफसीआइ के डिपो में अनाज नहीं है, जिसके कारण मधुबनी का अनाज उठाव दरभंगा डिपो से रवाना करना पड़ रहा है। इसकी गति काफी धीमी है।इसी प्रकार सिवान, गोपालगंज, जमुई एवं मोतिहारी जिलों के डिपो में अनाज तो है, किंतु उठाव ठीक नहीं है। खगडिय़ा, बेगूसराय, गोपालगंज एवं बक्सर डिपो में श्रमिकों की कमी के कारण लदाई नहीं हो पा रही है।
रजक ने कहा कि हिदायत के बावजूद किशनगंज एवं मुजफ्फरपुर को खराब गेहूं का उठाव के लिए मजबूर किया जा रहा है। जनता खराब गेहूं खाने को मजबूर नहीं है। केन्द्र इसे वापस ले। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री बिहार के लोगों के साथ भावनात्मक मजाक कर रहे हैं। राज्य सरकार इसे बर्दाश्त नहीं करेगी। इसके लिए पहले भी केंद्र को सचेत किया गया था किंतु केंद्रीय मंत्री सिर्फ घोषणा करने में मशगूल हैं।