बिहार में चल रहा था प्रवचन का दौर, अब प्रदेश का अपमान नहीं होने दूंगा : सीएम
मैंने बीच में पद त्याग दिया था। मैंने मांझी सरकार के कामकाज की तरफ देखा भी नहीं, लेकिन बीजेपी ने गंदा खेल खेला। मैंने महसूस किया कि सरकार में रहकर भी मैं कार्यकर्ताओं को समय नहीं दे पा रहा हूं।
पटना। मैंने बीच में पद त्याग दिया था। मैंने मांझी सरकार के कामकाज की तरफ देखा भी नहीं, लेकिन बीजेपी ने गंदा खेल खेला। मैंने महसूस किया कि सरकार में रहकर भी मैं कार्यकर्ताओं को समय नहीं दे पा रहा हूं। उसी वक्त राजनीतिक सम्मेलन का फैसला किया था। लोग बीच में विकास से काम हटाकर अपनी महत्वकांक्षाओं को पूरा करने में लग गए। पार्टी की नीतियों पर अमल नहीं हो पा रहा था। हमने जिसे इतना महत्वपूर्ण पद सौंपा, वह अनाप-शनाप बयान देने लगे। मेरे ऊपर आरोप लगाने लगे। पार्टी ने कहा पद छोड़ दो तो नाराज हो गए। ये बातें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को गांधी मैदान में आयोजित सम्मेलन में कार्यकर्ताओं से कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में प्रवचन का दौर चल गया था। मांझी की पूरी सरकार की कार्यप्रणाली की दिशा बदल रही थी। जदयू के लोग अलग-थलग पड़ रहे थे। बयान के आधार पर पार्टी को कुछ नहीं किया जा सकता। जनता में जनाधार मेरी थी। मांझी को काम करने के लिए बैठाया था, पर वह मुझे ही बदनाम करने लगे। पार्टी में गड़बड़ कोई कर रहा था और बदनाम मैं हो रहा था। नीतीश ने मांझी पर जोर से भड़कते हुए कहा कि विधानसभा भंग करने की सिफारिश कर रहे थे। उन्होंने एक बार फिर कहा कि अब मैं ऐसी गलती नहीं करुंगा। आ गया हूं, अब चिंता करने की जरूरत नहीं है। सीएम ने कहा कि मुझे खलनायक बनाने का काम किया जा रहा था। पार्टी और जनता के साथ मांझी गलत कर रहे थे। मैंने दोबारा पार्टी और सरकार की जिम्मेदारी ले ली है। बिहार का अपमान नहीं होने दूंगा। भूमि अधिग्रहण पर उन्होंने कहा कि कालाधन और इस बिल के विरोध में एक दिन का उपवास करुंगा। केंद्र सरकार इस अध्यादेश को वापस ले।
इससे पूर्व सम्मेलन में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने आम बजट और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि गरीबों के लिए इस बजट में कुछ नहीं है। केंद्र सरकार का कोई रोड मैप नहीं है। पूंजीपतियों के लिए केंद्र ने बजट लाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव में देश को जो सपने दिखाए बजट उससे उलटा है। केंद्र की योजना जिंदा लोगों के लिए नहीं है, बल्कि उनकी योजना मरने के बाद मिलेगी। उन्होंने कहा कि कालेधन को लेकर केंद्र सरकार की नीति साफ नहीं है। कालेधन वालों से ही केंद्र की सरकार चल रही है। शरद ने कहा कि हिंदुस्तान बिहार के चुनाव को बड़ी उम्मीद से देख रहा है। भूमि अधिग्रहण को लेकर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस बिल को वापस ले। भाजपा गंगा को जाति के आधार पर बांटने का काम कर रही है। केंद्र सरकार गंगा को साफ करने का काम करके दिखाए।