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बिहार के शिक्षक अभ्यर्थियों को बस 15 दिनों में मिलेगा ये बंपर तोहफा

नियुक्ति की आस लगाए उर्दू, बांग्ला और मैथिली शिक्षकों को अब नियुक्ति के लिए और प्रतीक्षा नहीं करनी होगी। राज्य सरकार ने एलान किया है कि 15 दिनों के अंदर उर्दू और बांग्ला के वैसे शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंप दिया जाएगा जिन्होंने सारे प्रोसेस पूरे कर लिए हैं।

By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2015 07:55 AM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2015 08:38 AM (IST)

पटना। नियुक्ति की आस लगाए उर्दू, बांग्ला और मैथिली शिक्षकों को अब नियुक्ति के लिए और प्रतीक्षा नहीं करनी होगी। राज्य सरकार ने एलान किया है कि 15 दिनों के अंदर उर्दू और बांग्ला के वैसे शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंप दिया जाएगा जिन्होंने सारे प्रोसेस पूरे कर लिए हैं।

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इसके साथ ही शिक्षकों के तमाम रिक्त पदों पर दिसंबर से बहाली प्रक्रिया शुरू करने का फैसला लिया गया है। यहां बता दें कि उर्दू शिक्षकों के 24 हजार तथा बांग्ला शिक्षकों के चार सौ पदों पर बहाली होनी है।

मंगलवार को शिक्षा विभाग के मंत्री डॉ. अशोक चौधरी ने शिक्षा से जुड़े तमाम महकमों के साथ मैराथन बैठक कर विभाग की प्रत्येक योजना के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्राप्त की। शिक्षा विभाग के सभाकक्ष में आयोजित बैठक में विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन के साथ ही दूसरे तमाम पदाधिकारी मौजूद रहे।

बैठक की शुरुआत में विभाग की ओर से मंत्री का पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से शिक्षा विभाग के कार्यकलाप के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई और शिक्षा विभाग की विभिन्न योजनाओं और उनकी प्रगति से अवगत कराया गया। विभाग के अफसरों ने बारी-बारी से मंत्री को मुख्यमंत्री पोशाक योजना, बालिका पोशाक योजना, किशोर स्वास्थ्य योजना, साइकिल योजना, प्रोत्साहन योजना के बारे में जानकारी दी।

विभाग के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के बाद मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि वैसे प्रतीक्षारत शिक्षक जिनकी नियुक्ति का प्रोसेस पूरा किया जा चुका है उन्हें विभाग 15 दिनों के अंदर नियुक्ति पत्र सौंप दे। चुनावों की वजह से पहले ही इस कार्य में विलंब हो चुका है, अब और विलंब उचित नहीं होगा। विभाग की ओर से मंत्री को आश्वासन दिया गया कि आदेश का अनुपालन शीघ्र किया जाएगा।

बैठक के दौरान ही टोला सेवकों के मानदेय भुगतान की समीक्षा के क्रम में मंत्री के संज्ञान में लाया गया कि टोला सेवकों को अक्टूबर महीने का मानदेय नहीं दिया जा सका है। इस पर मंत्री ने इस कार्य को प्राथमिकता के आधार पर एक सप्ताह में पूरा करने का निर्देश विभाग के अफसरों को दिया।

बिहार मुक्त विद्यालयी शिक्षण एवं परीक्षा बोर्ड की समीक्षा करते हुए मंत्री ने कहा कि बिहार मुक्त विद्यालयी शिक्षण एवं परीक्षा बोर्ड में अभ्यर्थियों को अधिक से अधिक जोड़ा जाए। अल्पसंख्यक और अति पिछड़ वर्ग के लिए चलाई जा रही हुनर योजना की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा इस कार्यक्रम का अब तक क्या प्रभाव हुआ इसका भी अध्ययन कराया जाना चाहिए।

सर्व शिक्षा अभियान की समीक्षा करते हुए मंत्री ने कहा कि असैनिक मद में लंबित उपयोगिता को निर्धारित समय में भारत सरकार को उपलब्ध करा दिया जाए। मंत्री ने आज की बैठक में शिक्षा से जुड़े अधिकारियों के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि शिक्षा विभाग की क्या चुनौतियां हैं, अफसर उन्हें चिन्हित करें और उनका समाधान कैसे और कितने वक्त में किया जा सकता है इसका निर्धारण करें।

लगभग छह घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में विभागीय मंत्री डॉ. चौधरी के अलावा प्रधान सचिव आर के महाजन, के सेंथिल कुमार, संजीवन सिन्हा, राजेन्द्र राम, एसएम करीम, राम बुझावन चौधरी के अलावा बड़ी संख्या में शिक्षा से जुड़े अधिकारी मौजूद रहे।


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