आपदा की मार कम करने के लिए बिहार तैयार
नेपाल की तरह बिहार में भूकंप आ जाए या बाढ़ की नौबत हो, आपदा के समय जोखिम के असर को कम करने के लिए बिहार अब पूरी तरह तैयार है।
पटना। नेपाल की तरह बिहार में भूकंप आ जाए या बाढ़ की नौबत हो, आपदा के समय जोखिम के असर को कम करने के लिए बिहार अब पूरी तरह तैयार है। इसके लिए आपदा जोखिम न्यूनीकरण के रोड मैप की ड्राफ्टिंग पर काम शुरू हो गया है। बुधवार और गुरुवार को पटना में इसी मुद्दे पर एक सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे, जबकि विभागीय मंत्री लेसी सिंह मुख्य अतिथि रहेंगी।
आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी ने बताया कि रोड मैप 2015-30 तैयार करने के लिए इस सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। बिहार आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, यूनिसेफ, सेव द चिल्ड्रेन, ऑक्सफैम इंडिया और आइडीएफ के सहयोग से प्रस्तावित यह सम्मेलन पटना के होटल पाटलिपुत्र अशोक में आयोजित होगा। व्यास जी ने बताया कि बिहार में अगर आपदा आएगी तो मुकाबले के लिए तैयार रहने की रणनीति बनाई जा रही है। हर जोखिम को पहचान कर उसके मुताबिक बचाव पर काम किया जाएगा।
जापान से प्रेरणा
हाल ही में जापान के सेंडई शहर में आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए विश्व सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इसमें सघन विचार-विमर्श के बाद जोखिम को कम करने का फार्मूला तैयार किया गया। इसी फार्मूले के आधार पर बिहार में भी काम होगा। रोड मैप में लक्ष्य तय कर उन पर गंभीरता से काम होगा।
रोड मैप की वस्तुस्थिति
रोड मैप में आम लोगों में आपदा की समक्ष विकसित करने, जोखिम कम करने के लिए संबंधित संस्थाओं को मजबूत करने एवं इसमें निवेश को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया जाएगा। प्रभावी तरीके से निपटने के लिए पहले की तैयारियों को प्रोत्साहित किया जाएगा। साथ ही आपदाग्रस्त इलाकों में पहले की तुलना में बेहतर पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण की तैयारी करने का काम शामिल रहेगा।
रोड मैप के लक्ष्य
-2030 तक आपदा मृत्यु दर में गिरावट लाना
-आपदा प्रभावित व्यक्तियों की संख्या में गिरावट लाना
-आपदा से आर्थिक क्षति को कम से कम होने देना
-आधारभूत सूचनाओं के नुकसान को कम करना
-आपदा की स्थिति में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना
-पूर्व चेतावनी तंत्र, सूचनाओं तक आम लोगों की पहुंच बढ़ाना