बिहार विधानसभा की संसदीय परंपराओं को सीखने इस बार होंगे 99 नए चेहरे
सोलहवीं बिहार विधानसभा में 99 नए विधायक दिखेंगे। ये पहली बार चुनाव जीत कर आए हैं। सोमवार और मंगलवार को विधानसभा की चौखट पर बतौर माननीय कदम रखेंगे।
पटना [रमण शुक्ला]। सोलहवीं बिहार विधानसभा में 99 नए विधायक दिखेंगे। ये पहली बार चुनाव जीत कर आए हैं। सोमवार और मंगलवार को विधानसभा की चौखट पर बतौर माननीय कदम रखेंगे।
राजनीति के क्षेत्र में कदम रखने के बाद हर कार्यकर्ता का सपना होता है कि कम से कम एक बार विधानसभा या लोकसभा की सीढिय़ों पर कदम पड़ जाए। कार्यकर्ता से माननीय कहलाने की इच्छा उस समय पूरी होती है जब चुनावी वैतरणी पार कर जाते हैं।
वैसे तो बिहार विधानसभा में प्रत्येक पांच वर्ष पर नए चेहरे दिखते हैं पर इस बार के विधानसभा चुनाव का परिणाम कुछ खास रहा। नए सदस्य विधानसभा के गलियारे से लेकर लॉबी तक से रू-ब-रू होंगे। विधानसभा की कार्य संचालन नियमावली से लेकर परंपराओं को सीखेंगे।
राजनीतिक जीवन में संसदीय परंपराओं को सीखने के लिए शीतकालीन सत्र काफी महत्वपूर्ण होगा, ताकि वे बजट सत्र में अपने अनुभव का बेहतर प्रदर्शन करेंगे।
सौ विधायक ऐसे हैं जो फिर चुनाव जीते हैं और अपने राजनीतिक जीवन में कभी न कभी विधानसभा के सदस्य रहे चुके हैं। इसमें कांग्रेस और राजद के च्यादा सदस्य हैं। ये कांग्रेस और लालू-राबड़ी राज में चुनाव जीते थे, लेकिन फिर भाजपा-जदयू के शासन में चुनाव नहीं जीत सके।
विधानसभा चुनाव परिणाम पर नजर डालें तो 44 ऐसे माननीय हैं, जो 15वीं विधानसभा के भी सदस्य थे और 16वीं विधानसभा चुनाव में भी जीत दर्ज कर सदन के गलियारे तक पहुंचे हैं।
ऐसे माननीय के लिए सदन कोई नई जगह नहीं होगी। इस तरह के माननीय सदस्यों की संख्या राजद में कम और जदयू में च्यादा है। भाजपा में 25 विधायक पहली बार चुन कर आए हैं।
राजद में 44 को पहली बार माननीय बनने का मौका मिला है। जदयू में 11 नए विधायक बने हैं। कांग्रेस में 15 विधायक पहली बार जीत कर आए हैं। लोजपा के दो, रालोसपा के एक और भाकपा माले के एक नए विधायक जीते हैं।
दलवार नए विधायकों की संख्या
दल कुल जीते नए
भाजपा : 53 25
राजद : 80 44
जदयू : 71 11
कांग्रेस : 27 15
लोजपा : 02 02
हम : 01 00
रालोसपा : 02 01
भाकपा माले : 03 01
निर्दलीय : 04 00