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सुकमा शहीदों के शोक में डूबे बिहार के छह गांव, अंतिम संस्कार में उमड़े लोग

सुकमा नक्सली हमले में शहीद हुए बिहार के छह जवानों के शव उनके निवास स्थान तक पहुंच चुका है। आज सभी शहीदों का पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जा रहा है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 26 Apr 2017 08:00 AM (IST)Updated: Wed, 26 Apr 2017 11:16 PM (IST)
सुकमा शहीदों के शोक में डूबे बिहार के छह गांव, अंतिम संस्कार में उमड़े लोग
सुकमा शहीदों के शोक में डूबे बिहार के छह गांव, अंतिम संस्कार में उमड़े लोग

पटना [जागरण टीम]। छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों के हाथों जो 25 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए, उनमें छह बिहार के थे। सोमवार देर रात से ही उनके परिजनों को इसकी खबर मिलनी शुरू हो गई थी। परिवार जनों के चीख-क्रंदन के बीच गांव-मोहल्लों में उदासी का माहौल है। मंगलवार देर रात तक शवों के पहुंचने के बाद आज सभी का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जा रहा है। 

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राजकीय सम्मान के साथ हुआ शहीद नरेश का अंतिम संस्कार 

सीआरपीएफ के शहीद जवान नरेश यादव का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ हो गया । उन्हें गार्ड आॅफ आॅनर दिया गया । अंतिम संस्कार में मंत्री मदन सहनी, सीआरपीएफ के डीआईजी अजय कुमार राय, जिला पदाधिकारी चंद्र शेखर सिंह,  एसएसपी सत्यवीर सिंह सहित हजारों की संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया ।

गमगीन माहौल में शहीद के बड़े पुत्र अमित कुमार ने शव को मुखाग्नि दी । अंतिम संस्कार से पूर्व गांव में शव यात्रा निकाली गई । जिसमें भारी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया ।

शहीद सौरभ का दानापुर आवास में हुआ अंतिम संस्कार

छत्तीसगढ़ के सुकुमा में मारे गए शहीद सौरभ का पार्थिव शरीर कल देर रात दानापुर उनके निवास स्थान पहुंचा। शव के पहुंचते ही पूरे मुहल्ले में मातमी सन्नाटा पसर गया। सबकी पलकें भींग गई। रुक-रुक कर परिजनों के रुदन से पूरा मुहल्ला गमगीन हो गया। वीर सौरभ अमर रहें के नारे से पूरा इलाका गूंजता रहा। उन्हें सैनिकों ने सलामी दी। उसके बाद उन्हें अंतिम विदाई दी गई। छोटे भाई अनुभव ने वीर सपूत सौरभ को दी मुखाग्नि और शहीद का अंतिम संस्कार कर दिया गया। 

सासाराम के शहीद केके पांडेय को दी गई आखिरी सलामी

नक्सली हमले में शहीद सासाराम जिले के चेनारी के भरंदुआ गांव निवासी कृष्ण कुमार मिश्र की बहादुरी को सलाम। इस शहीद सपूत की अंतिम यात्रा में सभी आम और खास लोग शामिल हुए। उन्हें अंतिम विदाई देते वक्त हर किसी की आंखें नम थीं। शहीद कृष्ण कुमार पांडेय के पार्थिव शरीर की चेनारी के दुर्गावती नदी किनारे की गई अंत्येष्टि। 

कृष्ण कुमार पांडे के आला अधिकारी भी उनके कायल थे। 30 वर्षीय कृष्णा छह भाइयों के बीच सबसे छोटे थे। उनकी शादी 2013 में हुई थी। 2013 में हुए नक्सली मुठभेड़ में केके ने अपने साथियों के सहयोग से 12 नक्सलियों को मार गिराया था। 

बड़े भाई अशोक पांडेय कहते हैं कि छोटे भाई पर उन्हें ही नहीं सारे भाइयों को नाज था। भतीजी की शादी में मई में आना था, लेकिन विधाता को कुछ और ही मंजूर था। 

शेखपुरा : जांबाज रंजीत को दी गई अंतिम विदाई 

सुकमा में शहीद हुए शेखपुरा जिले के अरियरी थाना के माहुली ओपी के फुलचोढ़ गांव निवासी रंजीत कुमार को आज सुबह अंतिम विदाई दी गई। शहीद की शव यात्रा में डीएम, एसपी समेत काफी संख्या में लोग शामिल हुए थे।

शहीद रंजीत 2011 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। शहीद होने के खबर सुनकर आसपास के इलाके के लोग उनके घर पर जुटे। गांव में मातमी सन्नाटा पसरा है। लोग रंजीत की बहादुरी तथा शहादत की चर्चा कर रहे हैं। 

 मां मानो देवी तथा पिता इंद्रदेव यादव ने बताया कि हमने सोचा था कि रंजीत के सहारे बुढ़ापा काट लेंगे। ऐसा दुख भगवान किसी माता-पिता को न दें। 

वैशाली के लाल शहीद अभय कुमार की गंगा तट पर हुई अंत्येष्टि

छत्तीसगढ़ के सुकमा में हुए नक्सली हमले में शहीद हुए वैशाली के लाल और सीआरपीएफ के जवान अभय कुमार का बुधवार को वैशाली के महनार स्थित गंगा घाट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया।

शहीद अभय कुमार के शव को शस्त्रों की सलामी दी गयी और सभी ने नम आंखों से उन्हें श्रद्धांजलि दी।

इस दौरान शहीद को श्रद्धांजलि देने मौके पर जिले के कई वरीय अधिकारी भी मौजूद रहे। अंतिम संस्कार के दौरान घाट पर भारत माता की जय और शहीद अभय अमर रहें के नारे काफी देर तक लगते रहे।


फौजी बेटे अभय मिश्रा को उनके पैतृक गांव में दी गई श्रद्धांजलि

भोजपुर के सीआरपीएफ जवान अभय मिश्रा का उनका पैतृक गांव तुलसी में अंतिम श्रद्धांजलि दी गई। शहीद को उनके बेटे ने मुखाग्नि दी। शहीद की शवयात्रा में काफी लोग शामिल हुए। 

छत्तीसगढ़ नक्सली हमले में हुए थे शहीद, तुलसी गांव के निवासी थे अभय आरा जिले के जगदीशपुर प्रखंड के तुलसी गांव जवान अभय मिश्र के शहीद होने की खबर आते ही चीख-पुकार मच गई। मां माधवी देवी बार-बार बेहोश हो रही थीं। पिता गजेंद्र मिश्र ने कहा कि मुझे अपने बेटे पर गर्व है। सैनिकों की सुरक्षा को लेकर उन्होंने सवाल उठाए। 


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