आइपीएल में 12 हजार का सïट्टा, 8वीं के छात्र को किया अगवा
आइपीएल का बुखार चरम पर है। राजधानी में जहां कई स्थानों पर सïट्टेबाजी की शिकायतें आम हैं, वहीं स्कूली छात्र भी इसकी गिरफ्त में हैं।
पटना। आइपीएल का बुखार चरम पर है। राजधानी में जहां कई स्थानों पर सïट्टेबाजी की शिकायतें आम हैं, वहीं स्कूली छात्र भी इसकी गिरफ्त में हैं। इसी सïट्टेबाजी में नामी स्कूल 8वीं के छात्र की जान पर तब बन आई, जब हारी गई रकम वसूली के लिए उसे छुïट्टी के बाद अगवा कर लिया गया। जबरिया बाइक पर बैठा कर ले गए युवकों ने फोन कर परिजनों से फिरौती की मांग की और बुरे अंजाम की धमकी दी। जिसके बाद घर में हड़कंप मच गया। घटना मंगलवार की है। देर शाम शिकायत फुलवारीशरीफ थाना पहुंची, जहां रणनीति के तहत रकम देने गए परिजनों के साथ पहुंची पुलिस ने दो युवकों को गिरफ्तार किया है। थानेदार अब्दुल गफ्फार ने बताया कि अपहरण का मामला दर्ज किया गया है। पूछताछ में पता चला है कि बंधक बना फिरौती मांगने का कारण क्रिकेट में सïट्टेबाजी का है। अगवा छात्र ने एक टीम के जीतने पर 12 हजार का दांव लगाया था, जो हार गया था। उसी रकम की वसूली के लिए वारदात को अंजाम दिया गया है।
मामला कुछ यूं है। बिड़ला कॉलोनी निवासी अमरनाथ प्रसाद डीएम कार्यालय में काम करते हैं। उनका पुत्र पियूष नामी स्कूल में पढ़ता है। उसकी दोस्ती अपनी उम्र से बड़े युवकों से हो गई। पियूष ने दोस्त आलोक चंद्र और कृष्णा से आइपीएल के मैच में एक टीम पर बाजी लगाई थी, जो हार गया। दोनों हारी गई रकम की मांग कर रहे थे। बार-बार परेशान किए जाने पर पियूष ने अपने बड़े भाई से शिकायत की, तो उसने समझाया था। आज स्कूल की छुïट्टी हुई तो आलोक और कृष्णा ने पियूष को जबरिया अपनी बाइक पर बैठा लिया और कॉलोनी में एक जगह ले जाकर बंद कर दिया। पियूष का आरोप है कि उसके साथ मारपीट भी की गई। इसके बाद परिजनों को फोन कर पियूष को बंधक बनाने की बात कह रकम लेकर आने को कहा गया। पियूष के घर न लौटने से परेशान परिजनों के पास जैसे ही फोन आया, सभी परेशान हो गए। देर शाम थाना पहुंचे और बेटे के अपहरण की शिकायत दर्ज कराई। तुरंत हरकत में आई पुलिस ने उसी मोबाइल पर फिर से कॉल कर रकम पहुंचाने का स्थान पूछा और साथ हो ली। परिजन बताए गए स्थान यानी नया टोला पहुंचे जहां पुलिस ने पियूष को मुक्त कराने के साथ दोनों को गिरफ्तार कर लिया। आलोक और कृष्णा ने पूछताछ में बताया कि रकम की वसूली के लिए यह लोग बाइक लेकर स्कूल के बाहर पियूष का इंतजार कर रहे थे, जैसे ही वह आया उसे बाइक पर बैठा कर लेकर चले गए।