यकीन न हो तो पढ़ लें - पटना में दर्ज होती है एडवांस में FIR
पुलिस के एफआइआर दर्ज न करने को लेकर कई घटनाएं आपके जेहन में ताजा होंगी। तहरीर पर ही मुहर लगाकर वापस देने के अंदाज से भी वाकिफ होंगे, लेकिन ये खबर इन सबसे जुदा है। घटना हुई नहीं और चार माह पहले ही एडवांस में उसकी रिपोर्ट दर्ज कर ली।
पटना। पुलिस के एफआइआर दर्ज न करने को लेकर कई घटनाएं आपके जेहन में आज भी ताजा होंगी। तहरीर पर ही मुहर लगाकर वापस देने के अंदाज से भी वाकिफ होंगे, लेकिन ये खबर इन सबसे जुदा है।
घटना हुई नहीं और चार माह पहले ही एडवांस में उसकी रिपोर्ट दर्ज कर ली। एक महिला की तहरीर पर दहेज उत्पीडऩ जैसे संवेदनशील धारा में रिपोर्ट दर्ज की गई। यह कमाल राजधानी के महिला थाने में हुआ है। मामला सामने आने के बाद एसएसपी विकास वैभव ने जांच की बात कही है।
आमतौर पर थाने जाने वाले पीडि़त से बगैर आवेदन लिए उसकी बात तक नहीं सुनी जाती। लेकिन, यहां आवेदन में क्या लिखा गया है, थाना पुलिस ने उसे पढऩा भी जरूरी नहीं समझा।
महिला थाने में दर्ज कांड संख्या 27/2015 में लिखा है कि 29 दिसंबर 2015 को पीडि़त के साथ मारपीट कर घर से बाहर कर दिया गया। इसके बाद शिकायत करने वाली महिला 30 दिसंबर 2015 को थाने पहुंचकर घटना की सूचना दी। महिला के बयान और उसके आवेदन में गलत तिथि दर्ज होने के बावजूद पुलिस ने पति सहित अन्य सात लोगों पर दहेज उत्पीडऩ का मामला दर्ज कर दिया।
यह है मामला
महिला ने शिकायत की थी कि वर्ष 2008 में उसकी शादी कंकड़बाग के कौशल कुमार से हुई। शादी के कुछ वर्ष बाद ही पति सहित परिवार के अन्य सदस्य दहेज की मांग करने लगे। 2010 में महिला को इतना प्रताडि़त किया गया कि वह मायके चली गई। इसके बाद भी वह कई बार ससुराल अपने पिता के साथ आई, पर घरवाले नहीं माने। फिर भी महिला घर में रहने लगी। इसके बाद ससुराल पक्ष पर दहेज उत्पीडऩ और मारपीट का मामला दर्ज कराया।
एसएसपी ने कहा
ऐसी चूक आवेदक से हुई होगी। इसके बाद भी थाने में आवेदन पढऩे के दौरान गलती नहीं पकड़ में आई। ऐसा कैसे हुआ, इसकी जांच कराई जायेगी।
- विकास वैभव, एसएसपी