एक क्लिक में उपलब्ध होगी मरीजों की हिस्ट्री
पटना। पीएमसीएच में मरीजों के चिकित्सा संबंधी दस्तावेज सुरक्षित रखने के लिए जल्द ही एक पूरा भ
पटना। पीएमसीएच में मरीजों के चिकित्सा संबंधी दस्तावेज सुरक्षित रखने के लिए जल्द ही एक पूरा भवन बन कर तैयार हो जाएगा। इसके लिए गुरुवार को प्राचार्य डॉ. एसएन सिन्हा ने इंजीनियरों के साथ पीजी गर्ल्स हॉस्टल के पास जगह चिह्नित कर ली है। जल्द ही इसका निर्माण शुरू हो जाएगा।
बताते चलें कि स्वास्थ्य विभाग कई माह पूर्व ही प्रदेश के छह मेडिकल कॉलेजों में स्टेट आफ द आर्ट मेडिकल रिकॉर्ड भवन बनाने के लिए 10.25 करोड़ रुपये आवंटित कर चुका है।
बदहाल है मेडिकल रिकॉर्ड रखने की व्यवस्था
पीएमसीएच में जहां रोगियों की अत्यधिक भीड़ है, चिकित्सा संबंधी रिकॉर्ड रखने की व्यवस्था लचर है। एमसीआइ के कहर से बचने के लिए अधीक्षक आवास के प्रथम तल पर मेडिकल रिकॉर्ड रूम बनाया गया है। पहले एक कर्मचारी नियुक्त किया गया था बाद में तीन किए गए। लेकिन, कंप्यूटर में कैसे मरीजों के रिकॉर्ड सुरक्षित करने हैं, उन्हें जानकारी नहीं है।
इलाज व शोध की बदलेगी दिशा :
आइएमए उपाध्यक्ष डॉ. सुनील कुमार सिंह के अनुसार रोगियों के चिकित्सा संबंधी दस्तावेज कंप्यूटर में सुरक्षित करने से इलाज की गुणवत्ता व शोध की दशा व दिशा में बहुत बेहतर हो जाएगी। यदि रोगी का रिकॉर्ड कंप्यूटर में सुरक्षित कर सभी डॉक्टरों को एक-एक कंप्यूटर दे दिया जाए तो कोई भी डॉक्टर पुराने रोगी के आने पर उसका पंजीयन डालते ही पुराने इलाज व रोगी की हिस्ट्री से अवगत हो जाएगा। इससे मरीज के इलाज का फालोअप करना बहुत आसान हो जाएगा। चिकित्सक एक नजर में सभी जांचों व दी गई दवाओं के असर का आकलन कर अगला प्रिस्क्रिप्शन कर सकेगा। साथ ही रोगों पर शोध करने में डॉक्टरों को आसानी होगी। यदि किसी चिकित्सक पर कोई रोगी केस करता है या मेडिको लीगल मामलों में भी आसानी से सभी दस्तावेज प्राप्त किए जा सकते हैं।
सरकार को नीति बनाने में होगी आसानी :
बेहतर मेडिकल रिकॉर्ड सिस्टम शुरू होने से किस जिले से किस रोग के मरीज ज्यादा आ रहे हैं, सरकार को जानकारी हो सकेगी। सरकार, उस इलाके में उस रोग विशेष के इलाज के संसाधन मुहैया कराने के प्रयास करेगी।
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एमसीआइ, मेडिकल रिकॉर्ड की समुचित व्यवस्था पर सवाल खड़े करती थी। इस समस्या को समाप्त करने के लिए जगह चिह्नित कर ली गई है। जल्द ही निर्माण शुरू होगा। मेडिकल रिकॉर्ड सिस्टम आधुनिक होगा।
डॉ. एसएन सिन्हा, प्राचार्य पीएमसीएच