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पांच वक्त की नमाजी और IT एक्सपर्ट है ISIS ज्वाइन करने वाली यास्मीन मोहम्मद

बिहार के सीतामढी जिले की रहने वाली महिला जो आइएसआइएस ज्वाइन करने अफगानिस्तान जा रही थी लेकिन दिल्ली में गिरफ्तार कर ली गई, वह पांच वक्त की नमाजी और आइटी एक्सपर्ट है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Tue, 02 Aug 2016 10:04 AM (IST)Updated: Wed, 03 Aug 2016 07:43 PM (IST)
पांच वक्त की नमाजी और IT एक्सपर्ट है ISIS ज्वाइन करने वाली यास्मीन मोहम्मद

पटना [वेब डेस्क]। आतंकी संगठन आईएसआईएस से बिहार के सीतामढ़ी जिले के तार जुड़ने को लेकर पूरे सरकारी महकमे में हड़कम्प मच गया है। गांव वालों से मिली जानकारी के मुताबिक यास्मीन पांच वक्त की नमाजी है और अाइटी एक्सपर्ट समेत सोशल मीडिया में उसे महारत हासिल है। हर वक्त वह अपने साथ एक टैब भी रखती है।

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संगठन में शामिल होने के लिये काबुल जा रही सीतामढ़ी की 26 साल की यास्मीन मोहम्मद की गिरफ्तारी दिल्ली एयरपोर्ट से होने की खबर जंगल के आग की तरह गांव में फैल गयी। यास्मीन मोहम्मद सीतामढ़ी के बाजपट्टी थाना के मुरौल गांव की रहने वाली है।

दिल्ली पुलिस ने उसे इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उस वक्त गिरफ्तार कर लिया, जब वह आइएसआइएस ज्वायन करने के लिए काबुल की फ्लाइट पकड़ने पहुंची थी। केरल पुलिस ने उसके खिलाफ पहले ही लुक आउट नोटिस जारी किया था।

यास्मीन बचपन से अपने पूरे परिवार के साथ दिल्ली में रह रही थी। उसके पिता सउदी अरब में काम करते हैं।पिता के सउदी अरब में काम करने के दौरान यास्मीन सउदी अरब का भी दौरा कर चुकी है। ग्रामीणो के अनुसार यास्मीन पांच वक्त की नमाजी भी है।

वो इसी साल ईद में पन्द्रह दिनो के लिये सीतामढ़ी अपने गांव आयी थी। गांव में रहने के दौरान ही उसने अपने चार साल के बेटे का पासपोर्ट भी बनवाया था। यास्मीन का सुसराल भी उसके घर से दो किलोमीटर की दूरी पर हुमायुंपुर गांव में ही है.

गांव मे रहने के दौरान वो कई दफा बाजपट्टी प्रखंड कार्यालय भी गयी थी। कुछ ग्रामीणों ने बताया कि यास्मीन उच्च शिक्षा प्राप्त है और आईटी समेत सोशल मीडिया में उसे महारत हासिल है। हर वक्त वह अपने साथ एक टैब भी रखती है।

यास्मीन के सीतामढ़ी स्थित पुश्तैनी घर में ताला लगा है। आस-पास के लोग कुछ भी बोलने से साफ इंकार कर रहे हैं। स्थानीय लेवल पर यास्मीन की छवि को कोई खराब नहीं बता रहा है। इस मामले में पुलिस अधिकारियो से सम्पर्क करने पर भी उन्होनें किसी तरह की जानकारी होने से साफ इंकार कर दिया।

बिहार के सीतामढी जिले की निवासी 29 साल की महिला यास्मीन मुहम्मद अफगानिस्तान जाकर आतंकी संगठन आइएस में शामिल होना चाहती थी। इसके लिए वह पटना से दिल्ली पहुंची। लेकिन, इसकी भनक सुरक्षा एजेंसियों को लग गई।

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केरला यूथ ग्रुप में शामिल होने का था प्लान

यास्मीन अफगानिस्तान की राजधानी काबुल जाकर केरला यूथ ग्रुप को ज्वाइन करना चाहती थी। केरल के 21 लोगों के इस ग्रुप में शामिल युवक एक महीने पहले से ही लापता हैं। माना जा रहा है कि वे लोग आइएस ज्वाइन कर चुके हैं। यास्मीन भी इसी ग्रुप को ज्वाइन करने के लिए रविवार सुबह काबुल जाने के लिए दिल्ली के एयरपोर्ट पहुंची थी, लेकिन वह गिरफ्तार कर ली गई।

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सिक्यूरिटी जांच के दौरान गिरफ्तार

तलाकशुदा यास्मीन अपने साथ चार साल के बेटे के साथ दिल्ली एयरपोर्ट पहुंची थी। उसे सिक्यूरिटी चेकिंग के दौरान इमिग्रेशन ऑफिसर ने हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए जाने पर वह ऑफिसर पर चिल्लाने लगी थी। उसने सुरक्षाकर्मी पर भी छेड़छाड़ का आरोप लगाया। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर इमिग्रेशन ऑफिसर ने दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के हवाले कर दिया।

पहले से जारी था लुक आउट नोटिस

केरल पुलिस की टीम ने यास्मीन को अपनी कस्टडी में ले लिया। केरल पुलिस ने उसके खिलाफ पहले ही लुक आउट नोटिस जारी कर रखा था। इसी आधार पर गिरफ्तारी होने की सूचना है।

भेजी गई जेल

सोमवार को यास्मीन को केरल के कासरगोड के कोर्ट में पेश किया गया। उसके खिलाफ अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट की कई धाराएं लगाई गई और उसे ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया गया।

पीस इंटरनेशनल स्कूल से था संबंध

सूत्रों के अनुसार यास्मीन का संबंध कासरगोड के अब्दुल राशिद के साथ था। राशिद के बारे में कहा जा रहा है कि वह केरल से आइएस ज्वाइन करने जाने वाले 21 युवकों के ग्रुप का मुख्य योजनाकार था। यास्मीन ने 2013-2014 के बीच पीस इंटरनेशनल स्कूल के कोटक्कल और कोल्लम स्थित कैंपस में काम किया था। स्कूल से कुछ संदिग्धों के गायब हो जाने के बाद वह इंटेलिजेंस एजेंसियों के रडार पर आ गया था।

गिरफ्तारी से गांव के लोग हतप्रभ

यास्मीन सीतामढ़ी जिला के बाजपट्टी थाना क्षेत्र के मुरौल गांव की रहने वाली है। वह मो. जाहिद अंसारी की पुत्री है। मंगलवार को उसकी गिरफ्तारी की खबर के बाद ग्रामीण आश्चर्यचकित हैं। किसी को यकीन नहीं हो रहा है कि वह ऐसा कर सकती है। गांव में रह रहे उसके चाचा मो. साबिर अंसारी ने बताया कि वह पढ़ने में काफी तेज थी। जुलाई में बेटे का पासपोर्ट बनवाने के दौरान मुरौल आई थी।

दिल्ली में रहता पूरा परिवार
यास्मीन का पूरा परिवार दिल्ली में रहता है। उसकी शिक्षा दिल्ली में हुई है। दो भाई दिल्ली में रहते हैं। पिता मो. जाहिद अंसारी अरब में दर्जी काम करते हैं।

हो चुका है तलाक

यास्मीन की शादी बाजपट्टी के ही हुमायूंपुर निवासी मो. सैयद अहमद हुसैन उर्फ छोटू के साथ छह साल पूर्व हुई थी। दो साल बाद ही दोनों में तलाक हो गया था। यास्मीन को एक बेटा है, जिसकी उम्र चार साल है।

कुरान के मुताबिक जीना चाहती जिंदगी

यास्मीन ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वो कुरान के मुताबिक ही जिंदगी बिताना चाहती थी, इसलिए काबुल जा रही थी। भारत में ऐसा संभव नहीं था। उसे म्यूजिक और मनोरंजन के सभी तरीकों से सख्त नफरत है।


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