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अवसरवादिता नहीं है गठबंधन की राजनीति : रघुवंश

राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह कॉमन 'मिनिमम प्रोग्राम' के तहत किए गए गठबंधन को अवसरवादिता नहीं मानते। वे कहते हैं कि किसी एक दल को बहुमत नहीं मिलने पर गठजोड़ की लाचारी हो सकती है, क्योंकि ऐसा नहीं करने पर दोबारा चुनाव का सामना करना पड़ेगा।

By Amit AlokEdited By: Published: Thu, 20 Aug 2015 03:27 PM (IST)Updated: Thu, 20 Aug 2015 07:45 PM (IST)

पटना। राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह कॉमन 'मिनिमम प्रोग्राम' के तहत किए गए गठबंधन को अवसरवादिता नहीं मानते। वे कहते हैं कि किसी एक दल को बहुमत नहीं मिलने पर गठजोड़ की लाचारी हो सकती है, क्योंकि ऐसा नहीं करने पर दोबारा चुनाव का सामना करना पड़ेगा।

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रघुवंश गुरुवार को जागरण फोरम की ओर से 'लोकतंत्र : सिर्फ राजनीति या जन भागीदारी' सम्मेलन के दूसरे सत्र में चुनावी गठबंधन और अवसरवादिता विषय पर व्याख्यान में बोल रहे थे।

रघुवंश ने कहा कि किसी दल की संख्या सरकार बनाने भर नहीं है तो गठबंधन तो होगा ही। 1977 के पहले किसी एक दल को बहुमत मिल जाया करता था, लेकिन कूद-फांद के चलते अब यह मुश्किल हो गया। अब कॉमन मिनिमम प्रोग्र्राम के तहत कई दल मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं। यूपीए का गठन इसी आधार पर हुआ था। अवसरवादी गठबंधन कौन है यह बहस का विषय हो सकता है। इसके लिए वह तैयार हैं।

लोकसभा में इस बार नेता प्रतिपक्ष नहीं चुने से भी रघुवंश सिंह आहत हैं। उन्होंने कहा कि किसी एक दल को बहुमत नहीं आने पर गठजोड़ के जरिए सरकार तो बन जाती है, लेकिन यही व्यवस्था इस बार विपक्ष पर लागू नहीं हुई। कांग्रेस के पास पर्याप्त संख्या नहीं थी तो नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाया गया। यह तो बेमेल बात हुई।

बिहार को सवा लाख करोड़ के विशेष पैकेज पर रघुवंश ने कहा कि केंद्र सरकार ने जनता के साथ धोखा किया है। चालू योजनाओं को जोड़कर विशेष पैकेज बना दिया गया है।

उन्हाेंने कहा, बिहार के साथ अभी भी भेदभाव हो रहा है। केंद्र ने देश में छह नए एम्स की स्थापना की। कम आबादी वाले उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ को भी एक-एक एम्स मिला और 10 करोड़ आबादी वाला बिहार को भी एक ही मिला। यह नाइंसाफी है। बिहार के लोगों का दिल्ली के एम्स में इलाज नहीं होता है। ऐसी विषमता से देश के टूटने का खतरा हो सकता है।

उन्होंने कहा कि इंदिरा आवास को छह लाख से घटाकर 2.78 लाख कर दिया गया है। बैकवर्ड ग्रांट फंड बंद हो गया। रोजगार गारंटी योजना को भी बंद करने की तैयारी है। कहा जा रहा है कि यह कांग्रेस का कलंक है। बड़े लोगों को करोड़ों-अरबोंका कर्ज दे दिया जाता है और गरीबों के गर्दन में गमछा लगा दिया जाता है।

रघुवंश ने कहा कि देश में फासीवाद का संकट है। सभी दलों को एकजुट होकर क्षेत्रीय, सामाजिक और आर्थिक विषमता को दूर करने का प्रयास करना चाहिए। राजनीति कलही हो गई है। धर्म निष्प्राण हो गया है। हमें अपने आप से सीखना है। जनतंत्र की परिभाषा हमने अब्राहम लिंकन से नहीं सीखी है। दुनिया से हमें शिक्षा नहीं लेनी है। हमारी आबादी अमेरिका से तीन गुना ज्यादा है।


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