केरल हादसे के बाद पटना में अलर्ट
पटना। केरल के पुत्तिगंल देवी मंदिर में आतिशबाजी से लगी आग से सौ से ज्यादा श्रद्धालुओं की मौत
पटना। केरल के पुत्तिगंल देवी मंदिर में आतिशबाजी से लगी आग से सौ से ज्यादा श्रद्धालुओं की मौत के बाद राजधानी में अग्निशमन विभाग अलर्ट हो गया है। मंदिरों परिसरों में चौकसी बढ़ा दी गई है। आग लगी की घटना से निबटने के लिए अग्निशमन विभाग ने कमर कस ली है हालांकि भीषण आग पर काबू पाना विभाग के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। कारण, आग बुझाने को पानी नहीं और तंग गलियों में दमकल की गाड़ी का पहुंचना मुश्किल है। फायर स्टेशन को छोड़ दे तो शहर में हाइडेंट तक नहीं है। समस्याओं की आग में झुलस रहे विभाग में चालक तक नहीं हैं।
यहां भी खतरा कम नहीं
शहर के रेलवे स्टेशन पर महावीर मंदिर, काली मंदिर, कंकड़बाग में पंच शिवमंदिर, शास्त्रीगनर में पंचमुखी शिवमंदिर सहित पटना सिटी में बड़ी और छोटी पटन देवी मंदिर प्रसिद्ध है। यहां पर्व पर हजारों की भीड़ जुटती है लेकिन, अग्निशमन यंत्र के माकूल इंतजाम नहीं है। यहां तक कि बड़े पर्व पर मंदिर के आस पास फायर विभाग के दमकल और फायरमैन तक नहीं मौजूद रहते हैं। ऐसे में यहां भी खतरा कम नहीं।
तंग गलियों में नहीं पहुंचते वाहन
शहर के अधिकांश मुहल्लों के तंग गलियों में ऊंचे अपार्टमेंट है। अगर भीषण आग लगी तो फायर विभाग के पास छोटे वाहन भेजने के अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं। छोटे यंत्र से ऊंची इमारत पर आग बुझाना नामुमकिन है। कई ऐसे इलाकें हैं जहां ये वाहन भी नहीं पहुंच पाते। विभाग के मुताबिक पीरबहोर, गोरिया टोली और राजीव नगर थाना क्षेत्र ऐसे है जहां आग लगी तो विभाग से उम्मीद करना बेकार साबित होगा।
हाईराइज बिल्डिंग में हाइडेंट बेकार
विभाग के मुताबिक 15 मीटर से अधिक ऊपर वाले मकानों में हाइडेंट की व्यवस्था होनी चाहिए। वह चाहें सरकारी हो या प्राइवेट बिल्डिंग। पर, राजधानी में अधिकांश बिल्डिंग में लगे हाइडेंट खराब है। पिछले वर्ष इंटर काउंसिल की बिल्डिंग के पांचवी मंजिल के परीक्षा शाखा में भीषण आग लगी। फायर विभाग की टीम ने बिल्डिंग में हाइडेंट चेक किया तो वह काम नहीं कर रहा था।
पानी की समस्या बरकरार
शहर के छह फायर स्टेशनों पर हाइडेंट तक भी काम आता है जब बिजली न रहे। विभाग को फायर वाटर टैंकर ही फुल करके रखना पड़ता है। वह भी आस पास के बड़े होटल से पानी मांग कर। अगर एक साथ दो या तीन स्थानों पर आग की सूचना मिली तो विभाग को एक दमकल की जगह तीन से चार दमकल की गाड़ी भेजनी पड़ रही है।
संसाधन है मैनपॉवर नहीं
कहने को पटना सिटी, पटना, कंकड़बाग, सचिवालय, फुलवारी शरीफ, दानापुर, मसौढ़ी, बाढ़, पाली में फायर स्टेशन बने हैं। जहां तीन फायर वाटर टैंकर 45 सौ से 12 हजार लीटर क्षमता के हैं। इसके दो फोम टेंडर है। मैन पॉवर का अभाव है। पटना में दस्ता नेतृत्व करने को एक दमकल पर चालक, फायर मैन सहित पांच कर्मी की जरूरत है। लेकिन, यहां 28 फायर मैन की जगह महज 22 कर्मी काम कर रहे। प्रधान चालक के पद 5 है, तैनाती 2 की है।
60 फीसद आग शॉर्ट-सर्किट से
पिछले कुछ वर्ष 70 फीसद आग शॉर्ट सर्किट से लग रही है। ओवरलोडिंग, घटिया उपकरणों के उपयोग, अवैध ढंग से बिजली के तार लगाने, गलत तरीके से की गई बिजली की वाय¨रग, लापरवाही और अज्ञानता आदि कारण है।
क्या करें
-आईएसआई प्रमाणित उपकरणों का प्रयोग
-सही रेटिंग वाले गुणवत्तापूर्ण फ्यूजों, छोटे-छोटे सर्किट ब्रेकरें और अर्थ लीकेज सर्किट ब्रेकरों का प्रयोग करें।
-एक उपकरण के लिए एक ही सॉकेट का प्रयोग करें।
-आग प्रभावित क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति के स्विच को ऑफ कर दें।
-फ्यूज और स्विचों को धातु के बॉक्स के ऊपर फिट किया जाना चाहिए, जिससे आग से बेहतर सुरक्षा मिलती है।
-टूटे हुए प्लगों और स्विचों को तत्काल बदल दें।
-बिजली के तारों को गर्म और भीगी सतहों से दूर रखें।
-उपकरणों को उपयोग में लाने के बाद उनके स्विच ऑफ कर दें और सॉकेट से प्लगों को निकाल दें।
-लम्बे समय के लिए घर छोड़कर जाते समय मेन स्विच को ऑफ कर दें।
क्या नहीं करें
-घटिया किस्म के सामानों, उपकरणों का प्रयोग नहीं करें।
-अस्थायी-वाय¨रग कभी न कराएं या वाय¨रग में जोड़ों को कभी खुला न छोड़े।
-कालीन, चटाई या पायदान के अंदर से तारों को नहीं बिछाएं। तार टूट सकते हैं, जिनके कारण शॉर्ट सर्किट हो सकता है।
-उपकरणों के कॉर्ड्स को कभी लटका नहीं रहने दें। सॉकेट में कभी नंगा तार नहीं घुसायें।
कोट---------
त्योहार के समय सभी प्रसिद्ध मंदिर के बाहर एक दिन पूर्व से ही दमकल और फायर मैन तैनात रहेंगे। वैसे यहां किसी भी मंदिर परिसर में आतिशबाजी नहीं होती। शहर में हाईडेंट के शासन को पत्र भेजा गया है। जिस हाईराइज बिल्डिंग में हाईडेंट खराब है या नहीं है उसे चिह्नित किया गया है। उन्हें नोटिस भेजा जा रहा है।
उपेन्द्र सिंह, राज्य अग्निशमन सह निदेशक