दीघा रेल पुल से गिरकर मजदूर की मौत, शव की खोज जारी, तोड़फोड़
दीघा-सोनपुर रेल ब्रिज से गिरकर सोमवार की शाम एक मजदूर की मौत हो गई। गंगा नदी पर बन रहे इस पुल पर हादसे के बाद मजदूरों ने काम रोक दिया और हंगामा करने लगे। एसडीआरएफ की टीम मंगलवार को पूरे दिन लाश की खोज करती रही।
पटना। दीघा-सोनपुर रेल ब्रिज से गिरकर सोमवार की शाम एक मजदूर की मौत हो गई। मृतक सारण जिले के आमी हराजी नयाटोला का निवासी महेश्वर राय था। गंगा नदी पर बन रहे इस पुल पर हादसे के बाद मजदूरों ने काम रोक दिया और हंगामा करने लगे। इस दौरान पहुंची पुलिस से भी मजदूरों की झड़प हो गई।
बात अागे बढ़ने पर तोड़फोड़ शुरू हो गई। घटना में दो एंबुलेंस समेत पुलिस की कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गई हैं। मजदूर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम हुए बगैर कार्य करवाने का आरोप लगाकर हंगामा कर रहे थे। आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने हंगामा कर रहे मजदूरों से अभद्रता कर दी, जिसके बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
गंगा रेल ब्रिज के निर्माण में बार-बार हो रही दुर्घटनाओं के पीछे कमजोर सुरक्षा का इंतजाम का आरोप लगाते हुये मजदूरों ने काम रोक दिया है। मजदूरों ने मृतक के आश्रितों के लिए मुआवजे की भी मांग की है। निर्माण की जिम्मेदारी संभालने वाली एजेंसी के अधिकारी मौके भाग गये हैं।
स्टेट डिजास्टर रेस्पांस फोर्स (एसडीआरएफ) की टीम मंगलवार को पूरे दिन लाश की खोज करती रही, लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है। जिला प्रशासन ने मजदूरों के आक्रोश को देखते हुये रेलवे ब्रिज निर्माण एजेंसी की सुरक्षा के लिए पुलिस बल और फायर बिग्रेड की गाड़ी को तैनात कर दिया गया है।
ऐसे हुई दुर्घटना : गंगा नदी में ब्रिज के पाया नंबर 17 के आगे एम-जीरो प्वाइंट के पास मजदूर महेश्वर राय लोहे के गटर में कील ठोक रहा था। साथ में काम कर रहे जितेंद्र कुमार के अनुसार सोमवार की शाम करीब 7.30 बजे अंधेरे में महेश्वर का पांव फिसल गया और वह सीधे गंगा की धारा में जा गिरा। ब्रिज से मजदूरों ने मदद मांगी, लेकिन नदी में कोई नाव नहीं थी। ब्रिज के नीचे जाल नहीं होने के कारण मजदूर सीधे नीचे गिरा।
पहले की दुर्घटनाओं से सबक नहीं : गंगा ब्रिज के निर्माण के दौरान इसके पहले भी कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन निर्माण कंपनी व प्रशासन ने इससे कोई सबक नहीं ली है।
- 16 नवंबर 2014 : ठेकेदार चड्ढा एंड चड्ढा (सी एंड सी) कंपनी के फोरमैन धु्रवनारायण सिंह की दुर्घटना में मौत हो गई थी। घटना के छह माह बाद भी मृतक के आश्रितों को श्रम कानून के तहत न्याय और मुआवजा नहीं मिला। दीघा पुलिस ने अंतिम जांच रिपोर्ट तक नहीं सौंपी है।
- 23 नवंबर 2014 : ब्रिज निर्माण में लगी जीपीटी कंपनी का मजदूर छपरा निवासी सुखन राय नीचे नदी में जा गिरा। नदी में मौजूद नाविकों ने उसे बचा लिया।
- 25 दिसंबर 2014 : रॉयल इंफ्रा कंपनी में दैनिक मजदूर पश्चिम बंगाल के मालदह टाउन निवासी ओसित मंडल और उसके साथी गिर कर जख्मी हो गए।
सुविधाओं व सुरक्षा का अभाव : रेलवे ब्रिज के बीच में काम करने वाले मजदूरों के लिए बिजली, पेयजल, सुरक्षा जाल और सेफ्टी बेल्ट उपलब्ध नहीं हैं। मजदूरों को श्रम कानूनों के तहत मिलने वाली सुविधाएं व सुरक्षा उपलब्ध नहीं। मजदूरों ने सोमवार को मधेश्वर राय की मौत के लिए सुरक्षा व्यवस्था में कमी का आरोप लगाया है।
लाश खोजने में कठिनाई : एसडीआरएफ के सब इंस्पेक्टर एम. चौरसिया ने अपनी टीम के साथ दुर्घटना स्थल पर ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ लाश की खोजबीन की। टीम कमांडर इंस्पेक्टर अजय सिंह के नेतृत्व में तीन मोटर बोट भी लाश की खोज में लगे रहे। ब्रिज के नीचे निर्माण सामग्री खतरनाक तरीके से बिखरी पड़ी है। सरिया, गटर और कंक्रीट के टुकड़ों के बीच लाश खोजने में कठिनाई आ रही है।