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बिहार में तूफान से मरने वालों की संख्या हुई 61

शुक्रवार को दो लोगों के दम तोडऩे के साथ ही मंगलवार रात आया चक्रवाती तूफान (टोरनेडो) अब तक 61 लोगों की अकाल मौत का कारण बन चुका है।

By pradeep Kumar TiwariEdited By: Published: Sat, 25 Apr 2015 12:12 PM (IST)Updated: Sat, 25 Apr 2015 12:13 PM (IST)
बिहार में तूफान से मरने वालों की संख्या हुई 61

जागरण टीम, पटना। शुक्रवार को दो लोगों के दम तोडऩे के साथ ही मंगलवार रात आया चक्रवाती तूफान (टोरनेडो) अब तक 61 लोगों की अकाल मौत का कारण बन चुका है। गैर सरकारी सूत्रों के अनुसार बुधवार को मृतकों की संख्या 59 थी, जबकि गुरुवार को आपदा प्रबंधन विभाग के आंकड़े मात्र 48 लोगों की मौत की पुष्टि कर रहे थे। तबाही के तीन दिन बाद भी क्षतिपूर्ति व पर्याप्त राहत सामग्री उपलब्ध नहीं होने से शुक्रवार को जगह-जगह पीडि़तों का आक्रोश फूट पड़ा। अधिकारियों ने हर संभव मदद का आश्वासन देकर प्रदर्शनकारियों को शांत कराया।

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शुक्रवार को पूर्णिया पूर्व प्रखंड के वीरपुर पंचायत में एक घर के मलबे से एक व्यक्ति का शव बरामद हुआ है। वह व्यक्ति आंधी-तूफान के बाद से गायब था। इसके अलावा सदर अस्पताल में चिकित्सारत एक घायल व्यक्ति की भी मौत हो गई। बहरहाल मृतकों के परिजनों को राज्य सरकार द्वारा अनुग्रह राशि के अलावा अन्य मदद (अनाज और पॉलीथिन की चादर आदि) भी मुहैया कराई जा रही है, लेकिन व्यापक क्षति के मद्देनजर अभी अधिकाधिक राहत की दरकार है। बिजली और संचार व्यवस्था को पूर्ववत सुचारू बनाने का प्रयास जारी है। बिजली विभाग ने अपने अथक प्रयास से पूर्णिया में आधे से अधिक शहर में आपूर्ति बहाल कर दी है।

पीडि़तों का प्रदर्शन : पूर्णिया में पूर्णिया-सहरसा राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिए जाने के कारण करीब तीन घंटे तक आवागमन पूर्णत: बाधित रहा। मुआवजा और राहत की मांग करते किसानों ने कटिहार में प्रखंड कार्यालय का चार घंटे तक घेराव कर नारेबाजी की। फसलों के नुकसान का सही तरीके से सर्वे नहीं किए जाने से किसान भड़के हुए हैं। अररिया के चन्द्रदेई में फसल क्षतिपूर्ति को लेकर किसानों ने जोरदार प्रदर्शन किया। शिकायत यह कि फसल क्षति के आकलन के लिए भेजा जाने वाला सर्वेक्षण जटिल है। प्रपत्र के माध्यम से सरकार द्वारा मांगी गई पूरी जानकारी नहीं देने के कारण किसानों को मुआवजे से वंचित हो जाने की आशंका है।

फसल क्षति का आकलन : चक्रवात से सर्वाधिक प्रभावित सात जिलों (पूर्णिया, सहरसा, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी, मधेपुरा और कटिहार) में प्रारंभिक सर्वे में 121 करोड़ रुपये मूल्य से अधिक की फसल क्षति का अनुमान है। कृषि विभाग के मुताबिक 12552 हेक्टेयर में गेहूं, 46822 हेक्टेयर में मक्का, 23365 हेक्टेयर में मूंग व सब्जी व 10599 हेक्टेयर में बागवानी फसल (आम-लीची आदि) का नुकसान हुआ है। मुआवजे के भुगतान के लिए किसानों के नाम और रकबा सहित विस्तृत ब्योरा तैयार किया जा रहा है।

राष्ट्रीय आपदा घोषित हो : राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद का कहना है कि तूफान से हुई भारी क्षति की पूर्ति के संदर्भ में राज्य सरकार अपने दायित्व का बेशक निर्वहन करेगी, लेकिन लोगों की परेशानी और जान-माल के नुकसान को देखते हुए केंद्र सरकार को इस तबाही को राष्ट्रीय आपदा घोषित करना चाहिए और बिहार सरकार को बड़ी आर्थिक मदद देनी चाहिए।

जिलावार मृतकों की संख्या (गैर सरकारी सूत्रों के हवाले से)

पूर्णिया : 42

मधेपुरा : 07

मधुबनी : 05

कटिहार : 02

सीतामढ़ी : 02

दरभंगा : 02

सुपौल : 01


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