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भक्ति में डूबने को 'आस्था' की रेल पर सवार हुए यात्री

00 यात्रियों को लेकर पटना से रवाना हुई आस्था सर्किट स्पेशल ट्रेन। - दरभंगा से कन्याकुमा

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 Mar 2017 01:23 AM (IST)Updated: Tue, 21 Mar 2017 01:23 AM (IST)
भक्ति में डूबने को 'आस्था'  की रेल पर सवार हुए यात्री
भक्ति में डूबने को 'आस्था' की रेल पर सवार हुए यात्री

पटना। सोमवार को दोपहर 12 बजे से ही पटना जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या एक पर काफी गहमागहमी थी। सारे यात्री 'आस्था सर्किट ट्रेन' का इंतजार कर रहे थे। दो घंटे विलंब से यह ट्रेन जंक्शन पहुंची। ट्रेन के डिब्बों के भीतर का नजारा देखते ही बन रहा था। बोगी के अंदर ¨हदू देवी-देवताओं की तस्वीरें लगी थीं। गेंदे के ताजा फूलों की माला से इन्हें सजाया गया था। धूप व अगरबत्ती से डिब्बा सुवासित था। बोगी में सवार होते ही यात्री भक्ति-भाव में लीन होते दिख रहे थे।

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बोगियों में भगवान विष्णु के वराह रूप को दिखाया गया था। तिरुपति के बालाजी के दर्शन भी हो रहे थे। तस्वीरों में पुरी के मंदिर के भी दर्शन हो रहे थे। ट्रेन से यात्रा कर रहे पटना के सुभाष पंडित ने बताया कि वे पहली बार दक्षिण भारत के तीर्थ स्थलों का भ्रमण करने निकले हैं। पहले अकेले होने के कारण नहीं निकलते थे। ट्रेन में सैकड़ों श्रद्धालु साथ चल रहे हैं इसलिए कोई परेशानी नहीं है। गया से 11 लोगों के साथ पहुंचे गिरधारी लाल ने बताया कि इस ट्रेन में पूजा-पाठ का माहौल बनाया गया है। हर बोगी में भगवान की बड़ी-बड़ी तस्वीरें लगी हैं। वे लोग पूरी टीम के साथ यात्रा पर निकले हैं। पहले दक्षिण भारत की यात्रा के लिए सोचते थे। आज आइआरसीटीसी की पहल पर यह इच्छा पूरी होने जा रही है। धनरुआ निवासी गोपाल प्रसाद एवं रमेश कुमार ने बताया कि इस ट्रेन में भोजन-पानी की पूरी व्यवस्था की गई है। किसी भी यात्री की तबियत खराब होने पर इलाज का पूरा इंतजाम रहेगा। धार्मिक माहौल है।

दरभंगा से कन्याकुमारी के लिए सोमवार की सुबह में 'आस्था सर्किट स्पेशल ट्रेन' रवाना हुई। दोपहर एक बजे पटना जंक्शन पहुंचने वाली यह ट्रेन दो घंटे विलंब से दोपहर 3 बजे जंक्शन पहुंची। बड़ी संख्या में चढ़ने वाले बुजुर्ग श्रद्धालुओं को ध्यान में रखकर एरिया मैनेजर पीके सिंह ने ट्रेन को को प्लेटफार्म संख्या एक पर ही लाने का निर्देश दिया था।

आइआरसीटीसी के पर्यटन पर्यवेक्षक संजीव कुमार ने बताया कि पटना जंक्शन से इस ट्रेन में लगभग 600 श्रद्धालु दक्षिण भारत के तीर्थ स्थानों के दर्शन के लिए रवाना हुए। यह ट्रेन दरभंगा से कन्याकुमारी तक जाएगी। दस दिनों और 11 रातों के बाद वापस आने वाली इस ट्रेन से यात्रा करने के लिए प्रति यात्री 10 हजार 192 रुपये किराए के रूप में लिए गए हैं। आस्था सर्किट के तहत अभी एक ही ट्रेन की अनुमति मिली है। यह ट्रेन दरभंगा से खुलकर समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, पाटलिपुत्र, आसनसोल, भुवनेश्वर होते हुए तिरुपति बालाजी, मदुरई, रामेश्वरम, कन्याकुमारी और त्रिवेंद्रम के तीर्थ स्थलों का दर्शन कराते हुए 30 मार्च को वापस लौटेगी। पर्यटकों को स्लीपर क्लास से यात्रा, शाकाहारी भोजन, नास्ता, घूमने के लिए बस, धर्मशाला में ठहरने के इंतजाम के साथ ही तथा प्रत्येक ट्रेन में सुरक्षा गार्ड एवं टूर एस्कॉर्ट की व्यवस्था की गई है।


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