Move to Jagran APP

Lalu Yadav Arrest Warrant: लालू पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार! MP-MLA कोर्ट ने जारी किया अरेस्ट वारंट

लालू यादव के खिलाफ पहले भी स्थायी वारंट जारी हो चुका है जिसके बाद उन्हें फरार घोषित कर दिया गया था। हालांकि उस दौरान इस बात की पुष्टि नहीं सकी थी कि आरोपित लालू प्रसाद यादव बिहार के मुख्यमंत्री हैं या कोई अन्य व्यक्ति। बाद में मामला एमपी-एमएलए कोर्ट पहुंचा और प्रक्रिया के दौरान स्पष्ट हो गया कि आरोपित लालू प्रसाद यादव बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ही हैं।

By Jagran News Edited By: Rajat Mourya Published: Fri, 05 Apr 2024 07:52 PM (IST)Updated: Fri, 05 Apr 2024 09:50 PM (IST)
लालू पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार! MP-MLA कोर्ट ने जारी किया अरेस्ट वारंट

जेएनएन, ग्वालियर/पटना। Lalu Yadav Arrest Warrant लालू यादव को लोकसभा चुनाव के बीच बड़ा झटका लगा है। ग्वालियर (मध्यप्रदेश) की एमपी-एमएलए कोर्ट ने लालू यादव के खिलाफ स्थायी अरेस्ट वारंट जारी किया है। बता दें कि लालू यादव के हथियारों की तस्करी के एक मामले में आरोपित हैं। इस मामले में कुल 23 लोगों के खिलाफ आरोप लगे हैं।

loksabha election banner

लालू यादव के खिलाफ पहले भी स्थायी वारंट जारी हो चुका है, जिसके बाद उन्हें फरार घोषित कर दिया गया था। हालांकि, उस दौरान इस बात की पुष्टि नहीं सकी थी कि आरोपित लालू प्रसाद यादव बिहार के मुख्यमंत्री हैं या कोई अन्य व्यक्ति। बाद में मामला एमपी-एमएलए कोर्ट पहुंचा और प्रक्रिया के दौरान स्पष्ट हो गया कि आरोपित लालू प्रसाद यादव बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ही हैं।

वहीं, अब उनके खिलाफ स्थायी वारंट जारी किए जाने की प्रक्रिया पूरी की गई। इस वारंट में नामित व्यक्ति को पुलिस 24 घंटे तक थाने में अपनी अभिरक्षा में भी रख सकती है।

क्या है 1995 का ये मामला?

बता दें कि उत्तर प्रदेश के महोबा स्थित आर्म्स स्टोर के संचालक राजकुमार शर्मा ने हथियार बिक्री का फर्जीवाड़ा किया था, जिसमें ग्वालियर निवासी व प्रकाश आर्म्स स्टोर के संचालक प्रवेश कुमार चतुर्वेदी ने वर्ष 1997 में इंदरगंज थाने में इस बारे में शिकायत दी थी।

शिकायत में बताया कि राजकुमार शर्मा ने ग्वालियर फर्म से हथियार व कारतूस खरीदे थे और उन्हें बिहार में बेचा था।

पुलिस ने शिकायत पर केस दर्ज कर लिया था। कोर्ट में पेश किए गए चालान में कुल 23 आरोपित बनाए गए थे, जिसमें लालू प्रसाद यादव का भी नाम शामिल है।

हालांकि, अब तक इस मामले में पुलिस लालू प्रसाद यादव को पकड़ नहीं सकी है। उल्लेखनीय है कि यह फर्जीवाड़ा 1995 से लेकर 1997 तक चलता रहा। इस दौरान दो आरोपितों की मौत हो गई है।

ये भी पढ़ें- Lalu Yadav को बड़ा झटका! पप्पू यादव के समर्थन में आए RJD के ये नेता, बोले- एक फोन कॉल पर...

ये भी पढ़ें- मुकेश सहनी ने क्यों की तेजस्वी से डील? नीतीश के मंत्री ने बता दी अंदर की बात; बोले- किसी भी सूरत में...


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.