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Patna: पु‍लिस ने सामूहिक दुष्कर्म पीड़ित बच्‍ची के पिता से पांच बार बदलवाया आवेदन, पहले छेड़छाड़ की बात लिखवाई; अब...

एक बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को छेड़खानी में बदल दिया गया। डरा-सहमा परिवार कहीं शिकायत की हिम्मत भी नहीं जुटा सका। शुक्रवार को इस मामले में जो प्राथमिकी की गई उसमें स्पष्ट रूप से छेड़छाड़ का मामला अंकित किया गया पर शनिवार को जब पीड़ित परिवार ने दुष्कर्म की बात कही तो अब दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट के तहत धाराएं लगाई गई हैं।

By Prashant Kumar Edited By: Prateek Jain Published: Sun, 31 Mar 2024 04:00 AM (IST)Updated: Sun, 31 Mar 2024 04:00 AM (IST)
Patna: पु‍लिस ने सामूहिक दुष्कर्म पीड़ित बच्‍ची के पिता से पांच बार बदलवाया आवेदन, अब पॉक्‍सो की धारा जोड़ी

संवाद सूत्र, नौबतपुर। एक बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को छेड़खानी में बदल दिया गया। डरा-सहमा परिवार कहीं शिकायत की हिम्मत भी नहीं जुटा सका।

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शुक्रवार को इस मामले में जो प्राथमिकी की गई, उसमें स्पष्ट रूप से छेड़छाड़ का मामला अंकित किया गया, पर शनिवार को जब पीड़ित परिवार ने दुष्कर्म की बात कही तो अब दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट के तहत धाराएं लगाई गई हैं।

सामूहिक दुष्कर्म की शिकार बनी 11 वर्षीय बच्ची के पिता से शुक्रवार की सुबह 10 से शाम सात बजे तक पितवास थाने में पांच बार आवेदन लिखवाया गया। फिर भी, सामूहिक दुष्कर्म का जिक्र नहीं किया गया। आवेदन में बच्ची से छेड़छाड़ किए जाने की बात लिखवाई गई। यह सब थाने के दलाल प्रेम के कहने पर हुआ। ऐसा कहना है पीड़िता के चाचा का।

उन्होंने पुलिस पर गंभीर आरोप भी लगाए हैं। अब सवाल है कि प्रेम कौन है? जिसकी थाने में इतनी पैठ है कि जो सामूहिक दुष्कर्म के मामले को रफा-दफा करने में कामयाब हो गया था। यहां तक कि पुलिसकर्मी भी उसके इशारे पर काम कर रहे थे।

इस बारे में जब नौबतपुर डीएसपी दीपक कुमार से पूछा गया तो उन्होंने प्रेम की भूमिका से अनभिज्ञता जाहिर की। वहीं, सामूहिक दुष्कर्म को छेड़छाड़ बताए जाने पर कहा कि प्रारंभिक सूचना छेड़खानी की मिली थी।

जब पीड़ित पक्ष का बयान लेकर तकनीकी साक्ष्यों का विश्लेषण किया गया, तब दुष्कर्म की पुष्टि हुई। इसके बाद पुलिस ने एक आरोपित सूरज कुमार उर्फ सुगन मांझी को गिरफ्तार कर लिया। फरार आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।

पीड़ित परिवार का दावा, थाने के कैमरे में कैद है पूरा वाकया

पीड़ित परिवार का दावा है कि यदि पितवास थाने में लगे सीसी कैमरों का फुटेज खंगाला जाए तो सच्चाई सामने आ जाएगी। किस तरह वे आवेदन लेकर पुलिसकर्मियों के पास जा रहे थे? प्रेम और उसके साथ रहा जयप्रकाश कैसे आवेदन लिखने को कह रहा था?

कैसे बार-बार आवेदन में तब्दीली कराई जा रही थी? पीड़िता के चाचा ने यहां तक कहा कि प्रेम समझौता कराने को कहा रहा था। उन्होंने कहा कि यदि सामाजिक संगठनों और मीडिया का सहयोग नहीं मिलता तो थाने के दलाल मामले को रफा-दफा करवा देते।

पटना से बुलाई गई एफएसएल की टीम

डीएसपी ने बताया कि पटना से एफएसएल की टीम बुला कर घटनास्थल का परीक्षण कराया गया। वहां से टीम ने साक्ष्य एकत्र किए हैं, जिससे आरोपितों को सजा दिलाने में मदद मिलेगी। कांड में सामूहिक दुष्कर्म और पाक्सो की धारा लगाई गई है। शनिवार को बच्ची और गिरफ्तार आरोपित दोनों की मेडिकल जांच कराई गई।

पीड़िता का बयान भी कोर्ट में कलमबंद कराया गया। पीड़ित परिवार ने दोषियों को फांसी की सजा दिलाने की मांग की है। शनिवार को कई सामाजिक संगठनों से जुड़ी महिलाओं ने पीड़िता और उसके परिवार से मुलाकात की। साथ ही पुलिस से आरोपितों को जल्द गिरफ्तारी कराने की मांग की।

जनरेटर की आवाज में दब गई थीं चीखें

सूरज, जयप्रकाश, नीरज, टोनू और दो अज्ञात युवक गुरुवार की दोपहर तीन बजे कुरकुरे लाने गई बच्ची को अगवा कर टेंट हाउस में लेकर गए थे। वहां सभी ने बारी-बारी से बच्ची के साथ दुष्कर्म किया था। उसकी चीखें दुकान के बाहर न जाएं, इसलिए जनरेटर चालू कर दिया था।

जयप्रकाश ने पिस्तौल का भय दिखाकर बच्ची का अश्लील वीडियो भी बनाया था, जो पुलिस को मिल गया है। बच्ची को उसके चाचा ने बेहोशी की हालत में बरामद किया था। अगले दिन वे शिकायत करने थाने गए थे।

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