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Corona In Bihar: तीन दिन तक सन्नाटा, चौथे दिन मिले कोरोना के 51 संक्रमित; एक साथ आ रही 5-6 दिन की रिपोर्ट

जिले में कोरोना संक्रमितों के मिलने का क्रम लगातार जारी है। गत आठ दिन में यह आंकड़ा सौ के करीब पहुंच गया है। मंगलवार को ही जिले में 51 नए संक्रमित मिले हैं। इसके पूर्व एक मार्च को 15 दो मार्च को एक 27 फरवरी को 9 28 फरवरी को 13 एवं 29 फरवरी को एक कोरोना का मामला सामने आया था।

By Pawan Mishra Edited By: Prateek Jain Published: Wed, 06 Mar 2024 04:30 AM (IST)Updated: Wed, 06 Mar 2024 04:30 AM (IST)
Bihar: तीन दिन तक सन्नाटा, चौथे दिन मिले कोरोना के 51 संक्रमित; एक साथ आ रही 5-6 दिन की रिपोर्ट

जागरण संवाददाता, पटना। जिले में कोरोना संक्रमितों के मिलने का क्रम लगातार जारी है। गत आठ दिन में यह आंकड़ा सौ के करीब पहुंच गया है। मंगलवार को ही जिले में 51 नए संक्रमित मिले हैं। इसके पूर्व एक मार्च को 15, दो मार्च को एक, 27 फरवरी को 9, 28 फरवरी को 13 एवं 29 फरवरी को एक कोरोना का मामला सामने आया था।

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सात दिन में 90 मामले आए हैं पर इनमें उपचाराधीन मरीजों की संख्या मंगलवार को सिर्फ 62 थी। यही नहीं बीच में कई दिन एक भी कोरोना का मामला सामने नहीं आने के बाद एकसाथ बड़ी संख्या में संक्रमित मिल रहे हैं। इसका कारण प्रयोगशाला से कई दिन की रिपोर्ट एकसाथ देना बताया जा रहा है।

प्रखंडों से देर से आते सैंपल, प्रयोगशाला वैसे ही देती रिपोर्ट  

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार कोरोना आशंकितों के अधिकतर नमूने अभी प्रखंडों से आ रहे हैं। वहां के कर्मचारी हर दिन के नमूने उसी दिन प्रयोगशाला नहीं पहुंचा रहे हैं। आलम यह है कि चार से पांच दिन बाद तक नमूने प्रयोगशाला पहुंचाए जा रहे हैं।

ऐसे में तापमान के प्रभाव से नमूने व जांच रिपोर्ट की गुणवत्ता प्रभावित होने की आशंका बढ़ जाती है। इसके अलावा निजी पैथोलाजी भी हर दिन की रिपोर्ट पोर्टल पर अपडेट नहीं कर रहे हैं। इस कारण कई दिन एक भी मामला नहीं आने के बाद अचानक बड़ी संख्या में संक्रमित मिलने से भय का वातावरण बन रहा है।

प्रखंडों में कई दिन अस्पताल में रहने को विवश मरीज

मौसम में बदलाव के कारण आजकल ओपीडी में पहुंचने वाले रोगियों में सबसे अधिक संख्या सर्दी-खांसी व बुखार के हैं। ऐसे में कई प्रखंडों में डाक्टर कोरोना का आशंकित मरीज मानकर यदि रोगियों के पास अलग रहने की सुविधा नहीं है तो भर्ती कर ले रहे हैं।

कई दिन तक रिपोर्ट नहीं आने के कारण निगेटिव होने के बावजूद मरीज अस्पताल में रहने को विवश हैं। इसके अलावा बहुत से लोग जो होम आइसोलेशन में रहते हैं वे रिपोर्ट नहीं आने के कारण आइसोलेशन के नियमों का ठीक से पालन नहीं कर रहे हैं।

प्रखंडों से हरहाल में हर दिन के सैंपल प्रयोगशाला पहुंचें, इसके लिए सिविल सर्जन को आवश्यक कार्रवाई करने को कहा गया है। इसके अलावा एम्स पटना से भी आग्रह किया गया है कि वे जिस दिन का नमूना हो, उसकी रिपोर्ट उसी तिथि के अनुसार जारी करें।  इसके अलावा निजी पैथोलाजी जो रिपोर्ट देर से दे रही थीं, उनमें से एक में जांच बंद करा दी गई है। उनसे पोर्टल का आइडी-पासवर्ड वापस ले लिया गया है।  डॉ. रंजीत कुमार, चीफ सर्विलांस पदाधिकारी बिहार

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