कोरोना वैक्सीन लेने पहुंचीं दोनों पैर से दिव्यांग ज्योति
जब समय की मार पड़ती है तो तमाम लोग जिंदगी से हार मान लेते हैं। वहीं सोमवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) में दोनों पैर से दिव्यांग 67 वर्षीय एक ऐसी महिला कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लेने पहुंचीं जिन्होंने वहां मौजूद सभी लोगों को जिंदगी के असली मायने समझा दिए।
पटना । जब समय की मार पड़ती है तो तमाम लोग जिंदगी से हार मान लेते हैं। वहीं सोमवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) में दोनों पैर से दिव्यांग 67 वर्षीय एक ऐसी महिला कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लेने पहुंचीं, जिन्होंने वहां मौजूद सभी लोगों को जिंदगी के असली मायने समझा दिए। बरबस ही लोग उनकी कहानी जानने को आतुर हो गए। उनकी दर्दभरी कहानी इतनी प्रेरक थी कि आइजीआइएमएस प्रशासन ने उन्हें एंबुलेंस से घर तक पहुंचवाया।
पैर खराब हैं पर आर्थिक
रूप से हैं आत्मनिर्भर :
यह कहानी है एक्जीबिशन रोड निवासी 67 वर्षीय ज्योति की। करीब 15 वर्ष पहले मधुमेह रोग के कारण उनके दोनों पैर खराब हो गए थे। वे पूरी तरह व्हील चेयर की मोहताज हो गई। खास बात यह है कि चारो ओर से समय की मार पड़ने के के बावजूद उन्होंने जिंदगी को जीना नहीं छोड़ा।
उन्होंने घर खर्च के लिए टॉफी के रैपर बनाने का काम शुरू किया। अकेले दम पर वे इससे इतना कमा लेती हैं कि उनकी गुजर-बसर आराम से हो जाती है। यही नहीं वे खुद को स्वस्थ रखने के लिए हरसंभव उपाय करती है। यही कारण है कि सोमवार को जब पता चला कि महिला दिवस पर सिर्फ आधार कार्ड व मोबाइल नंबर दिखाकर कोरोना वैक्सीन ली जा सकती है, वे आइजीआइएमएस पहुंच गई।
आइजीआइएमएस में 350
महिलाओं ने ली वैक्सीन
आइजीआइएमएस के चिकित्साधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि अबतक की सबसे अधिक उम्र की भाग्यमणि मंडल ने समेत 350 महिलाओं ने सोमवार को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज ली है। इसके अलावा 238 सामान्य लोगों ने कोरोना वैक्सीन की पहली डोज ली।
गर्दनीबाग टीकाकरण केंद्र को गुब्बारों से सजाया गया :
महिला दिवस पर कोरोना टीकाकरण में महिलाओं को प्राथमिकता देने के साथ खास व्यवस्था की गई थी। गर्दनीबाग अस्पताल स्थित टीकाकरण केंद्र को गुब्बारों से सजाया गया था। वहीं पीएमसीएच में बैठने के लिए पंडाल, न्यू गार्डिनर और एलएनजेपी में अलग काउंटर की व्यवस्था की गई थी।
कैंसर की स्क्रीनिंग को
भी पहुंची महिलाएं
विश्व महिला दिवस पर जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भाशय और स्तन कैंसर की स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई थी। वहीं कुछ महिलाओं को लगा कि हर अस्पताल में स्क्रीनिंग की जाएगी। ऐसी कई महिलाएं गर्दनीबाग अस्पताल पहुंचीं। हालांकि, वहां बताया गया कि यह सुविधा सिर्फ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में की गई है न कि शहरी अस्पतालों में।