बिहार : गंगा में एक साथ डूब गए दो नाव, देर रात तक 21 शव बरामद
मकर संक्रांति के अवसर पर दियारा में आयोजित पतंग महोत्सव में गए हजारों लोग बोट का पाथ-वे धंस जाने के कारण वहां फंस गए। उन्हें लेकर लौटती दो ओवरलोड नौकाएं नदी में डूब गईं।
पटना [जेएनएन]। पटना में मकर संक्रांति का दिन दो बड़े हादसों का गवाह बना। इन्होंने प्रशासन के सुरक्षा को लेकर कैजुअल एप्रोच की पोल खोलकर रख दी है। मकर संक्रांति के अवसर पर दियारा में आयोजित पतंग महोत्सव में शामिल होने गए हजारों लाेग बोट का पाथ-वे धंस जाने के कारण वहां फंस गए। उन्हें ला रही दो नौकाएं एनआइटी घाट पर डूब गईं। दुर्घटना में 21 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि दर्जनों अभी भी लापता हैं।
खास बात यह है कि प्रशासन के आला अधिकारी रहनुमाओं के दही-चूड़ा भोज में इतने व्यस्त हो गए कि उन्हें घटना की गंभीरता का भान तक नहीं हुआ। नाकाफी प्रशासनिक व्यवस्था के बीच लोग किसी तरह दियारा से निकलकर ओवरलोड नौकाओं में आते रहे। इन्हीं में से दो नौकाएं डूब गईं। घटना को देखते हुए चार दिनी पतंग महोत्सव को रद कर दिया गया है। सीएम नीतीश कुमार ने घटना की जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।
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दो घंटे बाद पहुंचे डीएम-एससपी
विलंब से शुरू हुए राहत व बचाव अभियान को लेकर लोगों में आक्रोश दिखा। इस बीच करीब एक दर्जन लोग पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाए गए। डीएम संजय कुमार अग्रवाल व एसपी करीब दो घंटे से अधिक समय बाद घटना स्थल पर पहुंचे। देर रात बचाव कार्य रोके जाने तक 21 शव निकाले जा चुके थे। अब शवों की तलाश सुबह में फिर की जाएगी।
घटना-स्थल पर पहुंचे नेता प्रतिपक्ष
घटना स्थल पर देर रात तक सत्ता पक्ष का कोई नेता नहीं पहुंचा था। इस बीच वहां पहुंचे बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार ने घटना के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि सरकार ने दियारा में पतंग महोत्सव को गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि पटना के डीएम उनका फोन पिक नहीं कर रहे हैं।
माहौल में दिखा तनाव
घटनास्थल पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी। स्थानीय लोग व इलाके में रहने वाले छात्र देर राज तक वहां डटे रहे। माहौल में तनाव साफ दिखा। स्थानीय लोगों की मानें तो नाव पर डेढ़ सौ से अधिक लोग सवार थे, हालांकि हमारी जानकारी में उसपर करीब 40 लोग थे।
अस्पताल में बढ़ रही भीड़
डूबने के बचाए गए कुछ लोगों को स्थानीय लोग निजी ऑटो व बाइक से लेकर पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे। प्रशासनिक स्तर पर राहत व बचाव आरंभ होने के बाद एंबुलेंस से लोगों को लाया गया। अपनों की खोज में लोगों की भारी भीड़ अस्पताल में उमड़ पड़ी।
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मुख्यमंत्री ने दिए जांच के आदेश
इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। मुख्यमंत्री ने दुर्घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि इस घटना में मारे गए सभी मृतकों के आश्रितों को अविलंब अनुग्रह राशि का भुगतान करे। उन्होंने दियारा क्षेत्र में सभी आयोजनों को रद्द करने के निर्देश दिए हैैं। मुख्यमंत्री स्वयं इस दुर्घटना की पूरी स्थिति की मॉनीटरिंग कर रहे हैैं।
मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, पटना के डीआइजी व डीएम को निर्देश दिया कि राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाएं। उन्होंने इस प्रकरण की संयुक्त जांच का आदे श दिया है।
लालू ने भी प्रकट की संवेदना
इस बीच राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने भी ट्वीट कर घटना को लेकर संवेदना प्रकट की है। लालू ने लिखा है, ''गंगा में नाव डूबने की दुःखद घटना से मर्माहत हूं। सरकार ने राहत व बचाव कार्यों में तेज़ी लाने एवं दुर्भाग्यपूर्ण घटना की जांच के आदेश दिए हैं।''
घटनाक्रम, एक नजर
मकर संक्रांति के अवसर पर पटना के दियारा में पतंग महाेत्सव की परंपरा रही है। लेकिन, इस बार वहां अव्यवस्था का आलम रहा। दियारा का बोट पाथ-वे धंस जाने के कारण वहां गए हजारों लाेग कड़ाके की ठंड में फंस गए। प्रशासन ने उन्हें निकालने की गंभीर कोशिश नहीं की। इस बीच लोग आवेरलोड नौकाओं में लौटने लगे।
इस बीच दियारा से लौटती दो नौकाएं शनिवार देर शाम एनआइटी घाट के पास गंगा में डूब गईं। प्रशासन ने पूरे घटनाक्रम को हल्के में लिया। पहले यह बताया गया कि छह लोग डूबे, जिन्हें बचा लिया गया। बाद में घटना की भयावहता सामने आई।