बैंकों का नहीं होने देंगे विलय, होगा हर संभव विरोध
बैंकों का विलय नहीं होने देंगे। हर संभव विरोध होगा।
पटना। बैंकों का विलय नहीं होने देंगे। हर संभव विरोध होगा। बैंकों के विलय से बैंक कर्मियों के साथ-साथ उपभोक्ताओं पर भी बुरा प्रभाव पड़ेगा। यह मुद्दा शनिवार को भारतीय स्टेट बैंक अधिकारी संघ के पटना सर्किल के त्रैवार्षिक अधिवेशन में छाया रहा। इस अधिवेशन ने देश के सभी 16 सर्किल सर्किल के अध्यक्ष और महासचिव भाग लिए। पटना सर्किल के महासचिव अजित कुमार मिश्र और अध्यक्ष कमलाकर मिश्र ने सभी सदस्यों का स्वागत किया। सम्मेलन में बिहार-झारखंड के तीन हजार से अधिक अधिकारियों ने भाग लिया। दो मिनट मौन रखकर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई।
सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए सहकारिता मंत्री राणा रणधीर सिंह ने कहा कि बैंक अधिकारियों की समस्या के साथ हम खड़े रहेंगे। बैंकों के कारण 32 करोड़ जनधन खाता खुले हैं। ये ऐसे लोग हैं कि कभी बैंकों की देखे भी नहीं थे। आप लोगों के कारण प्रधानमंत्री का यह सपना पूरा हुआ है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक जागरुकता की तरह वित्तीय जागरुकता फैलाने की जरूरत है। आने वाला समय बेहतर होगा।
इस अवसर पर भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य महाप्रबंधक संदीप तिवारी ने कहा कि बैंक अधिकारियों को तकनीक में बदलाव के साथ अपने आप में बदलाव लाना होगा। आश्वासन दिया कि अप्रैल माह के बाद बैंक अधिकारियों को प्रोन्नति दी जाएगी। इस अवसर पर स्टेट बैंक ऑफ इंडियन ऑफिसर्स एसोसिएशन के महासचिव राज कुमार सभापति ने कहा कि केंद्र सरकार की गलत नीति के कारण बैंक का ऋण लेकर पूंजीपति नहीं दे रहे हैं। एनपीए बढ़ते जा रहा है। मैनपावर की की कमी के कारण कार्य बोझ बढ़ गया है। इस अवसर पर ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर कॉन्फेडरेशन के महासचिव सौम्या दत्ता ने कहा कि राजनीतिकरण के कारण बैंकों की स्थिति दयनीय होते जा रही है। पारिवारिक पेंशन लागू की जाए। पेंशन की राशि बढ़ाई जाए। बैंक अधिकारियों के वेतनमान में सुधार लाया जाए। सम्मेलन में वेतन पुनरीक्षण, सुनिश्चित कार्यावधि, पेंशन पुनरीक्षण, आश्रितों को नौकरी, एसोसिएशन के नेताओं की प्रताड़ना पर रोक लगाने की मांगें उठी। केंद्रीय कार्यसमिति के सदस्य अरिजित बोस, अनिल कुमार यादव, शिवाधार लाल, अमरेश विक्रमादित्य आदि ने भाग लिया।