अलकतरा घोटाला: सजा के बाद मुश्किल में इलियास, परिवार में अब विरासत की लड़ाई
पूर्व पथ निर्माण मंत्री इलियास हुसैन अलकतरा घोटाले में सजा मिलने के बाद चुनावी राजनीति से अलग हो गए हैं। लेकिन परिवार में विरासत की लड़ाई नए सिरे से शुरू हो सकती है। पढ़ें खास खबर।
पटना [जेएनएन]। पूर्व पथ निर्माण मंत्री इलियास हुसैन अलकतरा घोटाले में सजा मिलने के बाद चुनावी राजनीति से अलग हो गए हैं। लेकिन उनके परिवार में विरासत की लड़ाई नए सिरे से शुरू हो सकती है। यह लड़ाई डिहरी विधानसभा क्षेत्र पर कब्जा जमाने के लिए होगी।
जदयू में शामिल है पुत्री
इलियास विधानसभा में इस क्षेत्र का छह बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। क्षेत्र की विरासत संभालने के लिए उनकी धर्मपत्नी के अलावा पुत्र और पुत्री भी प्रयास में हैं। उनकी एक पुत्री साल भर पहले जदयू में शामिल हो गईं।जबकि, पुत्र और पत्नी को राजद की उम्मीदवारी का भरोसा है। वैसे राजद में दूसरे लोग भी टिकट की कतार में हैं।
2015 में महागठबंधन से जीते थे
2015 के विधानसभा चुनाव में इलियास जदयू और कांग्रेस की मदद से चुनाव जीते थे। वे महागठबंधन के उम्मीदवार थे। एनडीए में यह सीट रालोसपा के खाते में थी। रालोसपा एनडीए से बाहर है। इसके चलते यह सीट जदयू के खाते में जा सकती है।
22 साल पुराने मामले में हुई सजा
22 साल पुराने अलकतरा घोटाला मामले में संयुक्त बिहार के पूर्व पथ निर्माण मंत्री मोहम्मद इलियास हुसैन सहित सात अभियुक्तों को कोर्ट ने पांच-पांच साल की सजा सुनाई। साथ ही, 20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश अनिल कुमार मिश्र की अदालत ने सजा सुनाई है। मामला 1. 57 करोड़ रुपये के अलकतरा घोटाले का है।
1997 में दर्ज हुआ केस
मामले में सीबीआइ ने वर्ष 1997 में कांड संख्या-आरसी-2/97 दर्ज किया था। इसमें बिहार के पूर्व पथ निर्माण मंत्री इलियास हुसैन सहित सात लोगों को आरोपित किया गया था। घोटाले में बिहार के पूर्व मंत्री मो इलियास हुसैन, मंत्री के सचिव साहबुद्दीन बेग, खरीद एवं परिवहन विभाग के निदेशक केदार पासवान, उपनिदेशक मुजताबा अहमद, कार्यपालक अभियंता रामानंद राम, सेक्शन पदाधिकारी शोभा सिन्हा एवं ट्रांसपोर्टर आपूर्तिकर्ता डीएन सिंह को आरोपित किया गया था।
जानें, क्या है मामला
वर्ष 1994 में रोड डिवीजन द्वारा चतरा में सड़कों का निर्माण किया जा रहा था। इसके लिए हल्दिया ऑयल रिफाइनरी कोलकाता से अलकतरा आना था़ लेकिन, मंत्री और इंजीनियरों ने कंपनी से साठ गांठ कर सरकार को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया।
सीबीआइ जांच में मिला सबूत
सीबीआइ जांच में सरकार को नुकसान पहुंचाने के सबूत मिले थे। 3266 मीट्रिक टन अलकतरा अवैध तरीके से बेच दिया गया़ जिसकी कीमत उस समय 1.57 करोड़ रुपये थी़ झारखंड हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी इलियास हुसैन की जमानत याचिका झारखंड हाईकोर्ट ने अलकतरा घोटाले में सजायाफ्ता बिहार के पूर्व मंत्री एवं राष्ट्रीय जनता दल के विधायक इलियास हुसैन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। न्यायमूर्ति आनंद सेन ने इलियास हुसैन की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि भ्रष्टाचार का यह बहुत गंभीर मामला है।