बिहार की सियासत को ले कई संदेश दे गए वेंकैया, बयान पर RJD को एतराज
बिहार दिवस के उद्घाटन समारोह में अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने परिवारवाद, कास्ट, क्रिमिनल और कैश की राजनीति की आलोचना की। उनके बयान पर राजद ने आपत्ति जताई है।
पटना [राज्य ब्यूरो]। बिहार दिवस के कार्यक्रम में शामिल होने पटना आए उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कई ऐसे बड़े संदेश दिए। हालांकि, बिहार की प्रमुख विपक्षी पार्टी राजद ने उनपर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। वेंकैया ने अपने संबोधन में जाति-मजहब के साथ परिवारवाद की राजनीति पर भी प्रहार किया। किसी पार्टी विशेष का नाम तो नहीं लिया, किंतु राजद ने उनके बयान को लालू प्रसाद के आईने में देखा है। जाहिर है, आम चुनाव की सुगबुगाहट से पहले सियासी घमासान की ओर बढ़ रहे बिहार में वेंकैया के बयान की प्रतिध्वनि दूर तक जाएगी।
उपचुनाव के बाद के घटनाक्रम से बिहार की सियासत पहले से ही गर्म है। तीन में दो सीटों पर राजद गठबंधन की जीत और भाजपा-जदयू की पराजय के बाद दोनों गठबंधनों में कई मोर्चे पर विवाद शुरू हो गया है। बहुत हद तक सामाजिक तनाव भी। दरभंगा में भाजपा समर्थक की सरेआम हत्या और भागलपुर में उपद्रव जैसे हालात पैदा हो गए, जिसके बाद बड़े दलों के नेता एक दूसरे के खिलाफ अत्यधिक मुखर हो गए हैं। आरोप-प्रत्यारोप का दौर थम नहीं रहा है। ऐसे में वेंकैया के बयान के बाद सियासत का पारा और चढ़ सकता है।
राजद के प्रदेश प्रधान महासचिव आलोक कुमार मेहता ने वेंकैया नायडू के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा है कि संवैधानिक पद पर बैठी इतनी बड़ी शख्सियत को ऐसे छोटे बयान से बचना चाहिए। वेंकैया उपराष्ट्रपति हैं। उनके बयान पर टिप्पणी उचित नहीं है, लेकिन पूरे देश में देखे जाने की जरूरत है कि धर्म-जाति और संप्रदाय की राजनीति से कौन-कौन परहेज कर रहा है। राजद को परिवारवाद के बयान से भी तकलीफ हुई है। मेहता ने कहा कि किसी तेज-तर्रार नेता को सिर्फ इसलिए रिजेक्ट नहीं किया जाना चाहिए कि वह किसी बड़े नेता का बेटा है। योग्यता-अयोग्यता के मानक को भी देखा जाना चाहिए। भाजपा में कई ऐसे नेता हैं, जिन्होंने अपने अयोग्य पुत्र को भी आगे बढ़ाने का प्रयास किया है।
यह कहा था वेंकैया ने
वेंकैया ने कहा था कि लोकतंत्र में जाति-संप्रदाय और परिवारवाद बुरी बात है। उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया था, लेकिन राजद के नेता इसे लालू प्रसाद से जोड़कर देख रहे हैं। हालांकि, वेंकैया ने सफाई देते हुए यह भी कहा था कि वह किसी दल के बारे में नहीं कह रहे हैं, लेकिन लोकतंत्र में चरित्र, कैलिबर, क्षमता और आचरण का महत्व है, लेकिन दुर्भाग्य से कास्ट, क्रिमिनल और कैश के आधार पर राजनीति की जा रही है।