जाति-धर्म से ऊपर है सर सैयद का शिक्षण संस्थान
सर सैयद की 200वीं जयंती पर मौलाना मजहरूल हक ऑडिटोरियम में समारोह। - अलीगढ़ मुस्लिम विश्वि
- सर सैयद की 200वीं जयंती पर मौलाना मजहरूल हक ऑडिटोरियम में समारोह
- अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ओल्ड ब्वॉयज एसोशिएसन के बिहार चैप्टर का आयोजन
जागरण संवाददाता, पटना : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के संस्थापक सर सैयद अहमद खा की 200वीं जयंती समारोहपूर्वक बुधवार को मनाई गई। इसका आयोजन अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ओल्ड ब्वॉयज एसोशिएसन, बिहार चैप्टर ने मौलाना मजहरूल हक ऑडिटोरियम में किया गया। मुख्य अतिथि सासद चौधरी महबूब अली कैसर ने कहा कि सर सैयद शिक्षा का अलख जगाने के लिए विश्व में याद किए जाते हैं। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से पढ़ने वाले छात्र आज दुनिया भर में परचम लहरा रहे हैं। इसमें हिंदू भी हैं और मुसलमान भी। पारस अस्पताल के डॉ. तलत हलीम ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा शिक्षा का प्रसार हो, यही सर सैयद की इच्छा थी। उनका सपना शिक्षा को अंतिम कतार तक पहुंचाना था, हर उस वर्ग तक शिक्षा को ले जाना था जिसकी पहुंच नहीं थी और इसमें अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय अहम भूमिका निभा रहा है।
बिहार राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष मोहम्मद सलाम ने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से पास आउट छात्रों को जोड़ें और सर सैयद के काम को आगे बढ़ाएं। एएमयू के एलुमिनाई पत्र सूचना कार्यालय के सहायक निदेशक संजय कुमार ने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय एक संस्कृति है जहा जाति -धर्म से ऊपर की शिक्षा दी जाती है। अगर वे अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्थापना नहीं करते तो शायद शिक्षा का यह स्वरूप देखने को नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को एक खास धर्म के शिक्षण संस्थान के तौर पर नहीं देखना चाहिए, क्योंकि यह एक शिक्षा का मंदिर है जहा हर कोई शिक्षा पा रहा है। ओल्ड ब्वॉयज एसोशिएसन, बिहार चैप्टर के महासचिव डॉ. अरशद हक ने कहा कि सर सैयद के सपने को पूरा करने की कोशिश एसोशिएसन कर रहा है। स्मारिका का भी विमोचन किया गया। मौके पर ओल्ड ब्वॉयज एसोशिएसन के अध्यक्ष ई. अमीर हसन आदि मौजूद थे। संचालन प्रो. सेहर रहमान और धन्यवाद ज्ञापन अब्दुल मनान खान ने किया।