शराबी को भगाने वाले एसके पुरी थाने के तीन पुलिसकर्मी निलंबित
थानाध्यक्ष से स्पष्टीकरण, आरोपित पुलिसकर्मियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज, शुरू हुई विभागीय कार्रवाई।
- थानाध्यक्ष से स्पष्टीकरण, आरोपित पुलिसकर्मियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज, शुरू हुई विभागीय कार्रवाई, सिटी एसपी को मिला जांच का जिम्मा
जागरण संवाददाता, पटना : राज्य में शराबबंदी के बावजूद पीने-पिलाने और मोटी रकम लेकर थाने से भगाने के मामलों में कमी नहीं आ रही। ताजा उदाहरण एसके पुरी थाने का है। मंगलवार को एएसआइ मणिलाल बैठा, मुंशी शंभू और इंद्रमणि ने शराब का सेवन करने के आरोपित आकाश शुक्ला को मोटी रकम देकर भगा दिया। हालांकि घटना के कुछ मिनटों के बाद ही पुलिस कप्तान मनु महाराज को कारस्तानी का पता चल गया।
एसएसपी के निर्देश पर सिटी एसपी (मध्य) अमरकेश दारपीनोनी और सचिवालय डीएसपी अशोक कुमार चौधरी ने जांच की, जिसमें उक्त तीनों पुलिसकर्मी दोषी पाए गए। उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। उनके खिलाफ आइपीसी 223 और 224 के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई है। साथ ही विभागीय कार्रवाई भी शुरू दी गई। थानाध्यक्ष अरविंद कुमार से स्पष्टीकरण मांगा गया है। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
वाहन चेकिंग में पकड़ा गया आकाश
सोमवार की रात करीब नौ बजे कार्टन फैक्ट्री का मालिक आकाश शुक्ला बो¨रग रोड के रास्ते कार से घर जा रहा था। इस दौरान पुलिस ने वाहन चेकिंग के दौरान उसे रोका। उसके मुंह से शराब की गंध आ रही थी। पुलिसकर्मी उसे थाने ले आए और ब्रेथ एनालाइजर से जांच की। जांच में अल्कोहल टेस्ट पॉजिटिव आया, जिसके बाद उसे हिरासत में ले लिया गया।
वरीय पदाधिकारियों को नहीं दी सूचना
प री रात और अगले दिन शाम तक आरोपित को थाने में रखा गया, लेकिन इसकी सूचना दोषी पुलिसकर्मियों ने वरीय पदाधिकारियों को नहीं दी। इस दौरान थाने का मुंशी शंभू सौदेबाजी करता रहा। थाने के सूत्र बताते हैं कि शंभू ने मोटी रकम लेकर आकाश को भगा दिया, लेकिन जब जांच अधिकारी मौके पर पहुंचे तो उन्हें रुपये नहीं मिले।
स सीटीवी कैमरों में कैद है मुंशी की हरकत
थाने के ठीक निजी प्रतिष्ठानों में सामने लगे सीसीटीवी कैमरों ने मुंशी शंभू की हरकत को कैद कर लिया है। बताया जाता है कि उसमें आकाश को उसके परिजनों के साथ आराम से जाते देखा गया। ऐसी सूरत में उसके थाने से फरार होने की बात अधिकारियों को नहीं पच रही है। सिटी एसपी ने आकाश और उसके परिजनों से पूछताछ की, लेकिन उन्होंने प्रथमदृष्ट्या रिश्वत देने की बात नहीं स्वीकार की। गौरतलब है कि सिटी एसपी की जांच शुरू होने के बाद एक पुलिसकर्मी आकाश के घर गया और उसे वापस थाने में लेकर आया।
-----------------
बयान :
थानाध्यक्ष से स्पष्टीकरण मांगी गई है। उसने आरोपित की गिरफ्तारी की सूचना वरीय अधिकारियों को नहीं दी। आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले जाएंगे। यदि किसी ने फुटेज मिटाने की कोशिश की तो उसे भी दोषी माना जाएगा। प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू हो गई है। परिजन अगर रिश्वत देने की बात स्वीकार करेंगे तो दोषी पुलिसकर्मियों को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा।
- मनु महाराज, एसएसपी।