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पेपर लीक मामले में फरार चल रहे IAS सीके अनिल को दो सप्ताह का अल्टीमेटम

बीएसएससी पेपर लीक मामले में फरार चल रहे आइएएस सीके अनिल को सामान्‍य प्रशासन विभाग ने फिर से नोटिस भेजा है। नोटिस का जवाब न देने पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Thu, 21 Sep 2017 08:29 PM (IST)Updated: Thu, 21 Sep 2017 11:41 PM (IST)
पेपर लीक मामले में फरार चल रहे IAS सीके अनिल को दो सप्ताह का अल्टीमेटम
पेपर लीक मामले में फरार चल रहे IAS सीके अनिल को दो सप्ताह का अल्टीमेटम

पटना [राज्य ब्यूरो]। बिहार कर्मचारी चयन आयोग परीक्षा पेपर लीक मामले में नाम आने के बाद से लगातार गायब चल रहे भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी सीके अनिल की मुश्किलें और बढऩे वाली हैं। सामान्य प्रशासन विभाग ने फिर उन्हें नोटिस भेजा है।

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इस बार दो हफ्ते का अल्टीमेटम देते हुए कहा गया है कि अगर तय समय तक नोटिस का जवाब नहीं देते हैं तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने नोटिस सीके अनिल के आवासीय पते एवं उनके ईमेल एड्रेस पर भेजा है। 
 

बता दें कि बिहार राज्य कर्मचारी चयन आयोग पेपर लीक मामले में सीके अनिल ने ही परमेश्वर राम की छुट्टी के आवेदन पर हस्ताक्षर किया था। 1998 बैच के अधिकारी अनिल उसके बाद से ही ऑफिस नहीं आ रहे हैं। राज्य सरकार उन्हें कई बार नोटिस भेज चुकी है, लेकिन उन्होंने योगदान नहीं किया।

अप्रैल में उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से तीन महीने की छुट्टी मांगी थी। सरकार ने नामंजूर करते हुए उन्हें एक हफ्ते के भीतर ज्वाइन करने का निर्देश दिया था। फिर भी उन्होंने ज्वाइन नहीं किया। लगातार गायब रहने के कारण सरकार ने फिर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसी मामले में आइएएस सुधीर कुमार की गिरफ्तारी हो चुकी है। 

बीएसएससी पेपर लीक मामले की जांच कर रही एसआइटी के नोटिस के बाद भी आइएएस सीके अनिल अंडरग्राउंड हैं और इस मामले में उनकी भूमिका पर सवाल उठते रहे हैं। अब सीके अनिल ने एक पत्र लिख कर अपना पक्ष रखा था और बिहार सरकार के एक प्रमुख नौकरशाह पर खुद के खिलाफ साजिश करने का आरोप लगाया था।  

आइएएस सीके अनिल ने मुंबई से एक पत्र जारी कर पेपर लीक केस की सीबीआइ जांच की मांग की थी। उन्होंने लिखा है कि पूर्व में वे आइएएस अधिकारियों के अनधिकृत प्रमोशन पर सवाल उठा चुके हैं और उन्हें विह्सब्लोवर बनने की सजा मिल रही है। सीके अनिल ने इस बारे में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह को भी पत्र लिखने की बात कही है। 

जानकारी के मुताबिक एसआइटी सीधे तौर पर उन्हें पेपर लीक मामले में आरोपी नहीं मानती है, लेकिन जिस तरह से सीके अनिल अपने आप को छुपाये हुए हैं उससे भूमिका को लेकर सवाल खड़े होते हैं। हालांकि आइएएस सुधीर कुमार के आवेदन पर सीके अनिल ने फर्जी हस्ताक्षर बनाया था, यह बात वह स्वीकार कर चुके हैं। 

एसआइटी ऐसे कुछ अन्य सवालों के बारे में सीके अनिल से पूछताछ करना चाहती है। लेकिन, वह अब तक सामने नहीं आये हैं। वह बीएसएससी के ओएसडी हैं और उन पर आरोप लगाया जा रहा है कि वे बिना अवकाश लिये लापता हैं। 


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