हार मानने के मूड में नहीं हैं शरद यादव, ये है फ्यूचर प्लान
चुनाव आयोग से झटका खाने के बावजूद शरद यादव हार मानने के मूड में नहीं हैं। एक बार अपील खारिज होने के बाद उनके गुट ने फिर से चुनाव आयोग से समय मांगा है।
पटना [रवि रंजन]। चुनाव आयोग से झटका खाने के बावजूद शरद यादव हार मानने के मूड में नहीं हैं। अभी भी शरद के समर्थक अपने जेडीयू को असली और नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जेडीयू को नकली बताने में लगे हैं। एक बार अपील खारिज होने के बाद उनके गुट ने फिर से चुनाव आयोग से समय मांगा है। इसके साथ ही शरद जनता के बीच जाकर सहानुभूति बटोरने की कोशिश में हैं।
21 से नवरात्र शुरू हो रहा है। लेकिन इस बार शरद माता के दरबार में नहीं, बल्कि जनता के दरबार में हाजिरी लगायेंगे। वे एक बार फिर से बिहार के दौरे पर निकल रहे हैं। शरद यादव अब सीधे जनता से संवाद कर अपने लिए समर्थन मांग रहे हैं। नीतीश कुमार के कदम को गलत बताकर उनकी कोशिश है कुछ सहानुभूति मिल जाए और आने वाले दिनों में उन्हें फिर से कोई नया ठिकाना मिल जाए।
25 सितंबर से 28 सितंबर के बीच शरद यादव का बिहार दौरा
शरद यादव के करीबी राज्यसभा सांसद अली अनवर ने बताया कि 25 सितंबर से 28 सितंबर के बीच शरद यादव बिहार के दौरे पर होंगे, जिसमें वो राजधानी पटना से आरा-बक्सर, सासाराम-कैमूर जिले का दौरा करेंगे। इसके बाद औरंगाबाद से लेकर गया, जहानाबाद और अरवल में भी शरद यादव जनता से सीधा संवाद करेंगे। इस दौरान भी शरद के निशाने पर नीतीश ही रहने वाले हैं।
शरद यादव की राज्यसभा सदस्यता पर खतरा बरकरार
शरद यादव खेमे के उस दावे को चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने अपने समर्थकों वाले गुट को असली जेडीयू बताया था। चुनाव आयोग ने चुनाव-चिन्ह तीर पर शरद गुट के दावे को भी खारिज कर दिया है। लेकिन इसके बाद शरद ने चुनाव आयोग के सामने फिर से दावा किया गया है।
शरद गुट ने चुनाव आयोग से मांगा एक महीने का समय
शरद यादव की अगुवाई वाला जेडीयू पहला आवेदन दरकिनार कर दिए जाने के बाद दोबारा निर्वाचन आयोग पहुंचा और पार्टी के चुनाव चिह्न् पर दावा किया। शरद गुट ने आयोग से अपने दावे के समर्थन में दस्तावेज जमा करने के लिए एक महीने का समय मांगा है। अरुण श्रीवास्तव ने कहा कि हमने फिर से निर्वाचन आयोग में पार्टी के चुनाव चिह्न् के लिए आवेदन किया है। हमारा पहले का आवेदन अस्वीकार नहीं किया गया था, बल्कि उसे दरकिनार कर दिया गया था, क्योंकि उस पर शरद यादव के हस्ताक्षर नहीं थे।
जदयू ने कांग्रेस और माकपा पर लगाया शरद की सदस्यता बचाने के लिए दबाव बनाने का अरोप
जदयू ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस और सीपीएम शरद यादव की राज्य सभा सदस्यता बचाने के लिए सभापति पर दबाव डाल रहे हैं। जदयू महासचिव के सी त्यागी ने कहा कि सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी और कांग्रेस नेता आनंद शर्मा शरद यादव की राज्य सभा सदस्यता बचाने के लिए सभापति वेंकैया नायडू पर बेजा दबाव बना रहे हैं।
शरद गुट ने छोटू भाई वसावा को पार्टी का कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किया
शरद यादव की अगुआई वाले जेडीयू के बागी गुट ने गुजरात से विधायक छोटू भाई वसावा को पार्टी का कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिया है। साथ ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ कार्रवाई के लिए एक अनुशासनात्मक समिति का भी गठन किया है।
बता दें कि शरद यादव और अली अनवर दोनों ने 27 अगस्त को आरजेडी की पटना की रैली में शिरकत की थी, जिसके बाद जेडीयू ने इन दोनों की सदस्यता खत्म करने की मांग की थी।
शरद यादव और लालू प्रसाद यादव
जदयू के बागी नेता शरद यादव ने कहा कि बिहार में महागठबंधन के लिए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव तैयार नहीं थे। इसके लिए नीतीश कुमार बार-बार उनके पास जाते थे, मैं भी गया। तब लालू यादव तैयार हुए और बिहार में महागठबंधन बना था। महागठबंधन के लिए लालू ने कहा था कि उनके ऊपर केस चल रहा और वे तो चुनाव भी नहीं लड़ सकते। फिर हमने विचार-विमर्श कर महागठबंधन बनाया और एकमत होकर नीतीश कुमार ने जनता के बीच जाकर वोट मांगा। लेकिन, चुनाव जीतने के बाद उसमें खोट निकालने की बात शुरू हुई और मैंडेट की परवाह किए बगैर उसे नकार कर महागठबंधन तोड़ दिया गया। वहीं लालू यादव ने भी शरद का समर्थन करते हुए कहा कि असली जदयू के नेता शरद यादव हैं।
क्या नई पार्टी बनाएंगे शरद यादव?
शरद यादव के करीबी सूत्रों के मुताबिक, अब नतीजा जो भी हो लड़ाई आर-पार की ही होनी है। अब समझौते का तो कोई सवाल ही नहीं है। शरद यादव का खेमा इस बात की तैयारी में लगा है कि अगर चुनाव आयोग से फिर से झटका मिला तो नई पार्टी बनाकर साझी विरासत बचाने की इस लड़ाई को और गति दी जाएगी।