बिहार: टूट की आशंकाओं के बीच कांग्रेस में गुटबाजी के बाद अब फर्जीवाड़ा भी
बिहार में महागठबंधन के टूटने के बाद कांग्रेस पार्टी में टूट की अफवाहें अब जोर पकड़ने लगी हैं। वहीं इस मामले में गुटबाजी और फर्जीवाड़े का दौर भी अब शुरू हो चुका है।
पटना [जेएनएन]। बिहार में टूट की कगार पर खड़ी कांग्रेस की राजनीति अब गुटबाजी से फर्जीवाड़े तक आ पहुंची है। जहां एक ओर सत्ता और कुर्सी के फेर में फंसे नेता पार्टी की साख को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं वहीं, बिहार कांग्रेस में चार कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करने से संबंधित एक पत्र ने बिहार कांग्रेस में हलचल मचा रखी है।
ये पत्र मंगलवार रात्रि सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ जिसके बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अशोक चौधरी ने पार्टी आलाकमान से पूरे प्रकरण की जांच की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा, यह एक गंभीर मामला है, जिससे पार्टी की साख को क्षति पहुंची है।
बिहार में महागठबंधन के टूटने के बाद से ही कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है। महागठबंधन टूटने के बाद बिहार में कांग्रेस सत्ता से अलग हुई और पार्टी में टूट की अफवाहें जोर पकडऩे लगीं। पार्टी का एक गुट लगातार आरोप लगा रहा था कि पार्टी के ही कुछ वरिष्ठ नेता पार्टी को तोडऩे की कोशिश कर रहे हैं।
इसके बाद बिहार कांग्रेस अध्यक्ष और विधायक दल के नेता सदानंद सिंह को सोनिया गांधी ने दिल्ली तलब कर उनसे जवाब मांगा। फिर पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी दिल्ली बुलाकर बिहार के विधायक और विधान पार्षदों से अलग-अलग मुलाकात की और पार्टी टूट की चर्चा पर बात की।
दिल्ली में लगातार चली बैठकों के बाद से यह कयास लगाए जाने लगे कि बिहार कांग्रेस अध्यक्ष और विधायक दल के नेता की जल्द ही छुट्टी होगी। लेकिन, आलाकमान द्वारा फैसला लेने में हो रहे विलंब को देखते हुए अब एक गुट फर्जीवाड़े की राजनीति में लग गया है।
मंगलवार को पार्टी महासचिव जनार्दन द्विवेदी के हवाले एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल किया गया, जिसमें चार नेताओं को बिहार का कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने की बात है। अखिलेश सिंह, डॉ. मदन मोहन झा, अशोक राम और शकीलुजमां अंसारी को कार्यकारी अध्यक्ष बनाने की बात कही गई थी।
जब इस पत्र की सत्यता जांची गई तो पता चला कि यह किसी की करतूत थी। इसके पीछे की साजिश का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। इस बीच बिहार कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अशोक चौधरी ने आरोप लगाया है कि पार्टी विरोधी कुछ नेता बिहार कांग्रेस की छवि को बदनाम करने की साजिश रहे हैं। इस बहाने उन्हें भी अपमानित करने की कोशिश हो रही है। उन्होंने आलाकमान से इस प्रकरण की जांच कराने का आग्रह किया है।
इधर पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. शकील अहमद ने जागरण से कहा कि यह गंभीर मसला है और इसे यूं ही अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, वे फिलहाल बिहार दौरे पर हैं और दिल्ली जाकर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से इस प्रकरण पर बात करेंगे।