बीएन कॉलेज में एकलव्य की तरह होगी पढ़ाई
पटना। एकलव्य ने द्रोणाचार्य की मूर्ति बनाकर शिक्षा ग्रहण की थी। अब बीएन कॉलेज में भी छात्रो
पटना। एकलव्य ने द्रोणाचार्य की मूर्ति बनाकर शिक्षा ग्रहण की थी। अब बीएन कॉलेज में भी छात्रों को इसी तरह पढ़ाई करने की नौबत आ गई है। राज्य के सर्वाधिक प्रतिष्ठित कॉलेजों में से एक है बिहार नेशनल कॉलेज। विज्ञान और कला की बेहतर पढ़ाई के लिए यह जाना जाता है। यहां साइंस और आर्ट्स विषयों से यूजी और पीजी में नामांकन प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन लिए जा रहे हैं। विषयों में एक फिजिक्स भी है, जिसके यहां एक भी शिक्षक नहीं हैं। कुछ ही दिनों के बाद कक्षाएं शुरू हो जाएंगी। सवाल है कि बिना शिक्षक के छात्र आखिर फिजिक्स कैसे पढ़ेंगे? दूसरे शिक्षक मजाक में कहते हैं कि बच्चे यहां एकलव्य की तरह किसी टीचर की फोटो टांगकर फिजिक्स की पढ़ाई करेंगे।
यहां एक मात्र शिक्षक बचे डॉ. श्रीकृष्ण सिंह इस साल अप्रैल में सेवानिवृत्त हो चुके हैं। वे विभागाध्यक्ष भी थे। उनके सेवानिवृत्त होने के बाद से ही विभाग में सन्नाटा है। डॉ. सिंह ने कुछ पीएचडी स्टूडेंट की मदद से किसी तरह कक्षाओं को जारी रखा था। उनके जाने के बाद यह सिलसिला भी बंद होता दिख रहा है। सवाल सिर्फ नए छात्रों का ही नहीं है, बल्कि पहले नामांकन ले चुके छात्रों का भी है। छात्र राहुल ने कहा कि फिजिक्स कोई ऐसा भी विषय नहीं है कि जो इधर-उधर पूछकर या नोट्स देखकर कंप्लीट हो जाए। यहां फिजिक्स के मामले में अभी पूरा अंधेरा है। परंतु, ऐसा भी नहीं है कि बाकी विषयों के लिए शिक्षक पर्याप्त हों। रसायन विज्ञान और भूगर्भशास्त्र को छोड़कर बाकी विषयों का हाल भी दयनीय ही है। मैथिली, बंगाली और फारसी विभाग बंद हो चुके हैं।
प्रधानाचार्य डॉ. राजकिशोर ने कहा कि पटना यूनिवर्सिटी को फिजिक्स के कुछ शिक्षक मिलने वाले हैं। उम्मीद है कि उनमें से कुछ बीएन कॉलेज को भी मिलेंगे। उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है। शिक्षकों के मामले में कॉलेज के हाथ बंधे होते हैं।
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: बाकी विषयों में शिक्षकों की स्थिति :
¨हदी - 1
इतिहास - 1
राजनीति विज्ञान - 1
उर्दू - 1
संस्कृत - 2
अर्थशास्त्र - 2
मनोविज्ञान - 2
वनस्पति विज्ञान - 1
जंतु विज्ञान - 1
समाज शास्त्र - 2
सांख्यिकी - 1
गणित - 2
भूगोल - 2
भूगर्भशास्त्र - 4
रसायन विज्ञान - 6
भौतिकी - 0
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