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बिहार: शराब कंपनियों ने SC से कहा- स्टॉक निकालने को थोड़ा और वक्त दीजिए

बिहार की शराब कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है कि राज्य के गोदामों मे पड़े स्टॉक को निकालने के लिए हमें थोड़ा और वक्त दिया जाए। इस मामले पर सुनवाई 29 मई को होगी।

By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 25 May 2017 08:41 AM (IST)Updated: Thu, 25 May 2017 11:07 PM (IST)
बिहार: शराब कंपनियों ने SC से कहा- स्टॉक निकालने को थोड़ा और वक्त दीजिए

पटना [जेएनएन]। बिहार की शराब निर्माता कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट से राज्य के गोदामों में पड़े शराब के स्टॉक को निकालने के लिए वक्त बढ़ाने की मांग की। कंपनियों ने कहा कि स्टॉक को निकालने के लिए कंपनियों को थोड़ा और वक्त चाहिए। 31 मई तक गोदाम से सारा स्टॉक नहीं निकाला जा सकता। सुप्रीम कोर्ट 29 मई को इस मामले में सुनवाई करेगा।

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सुप्रीम कोर्ट में शराब कंपनियों की ओर ये कहा गया कि अभी भी करीब 200 करोड़ रुपये की शराब का स्टॉक बिहार के गोदामों में रखा हुआ है।

अगर सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई 29 मई को करेगा तो स्टॉक का निपटारा करने में दो दिन ही बचेंगे। ऐसे में राहत नहीं मिली तो दो दिनों में स्टॉक का निपटारा मुश्किल होगा इसलिए सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई 26 मई को ही करे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुनवाई 29 मई को ही होगी।

गौरतलब है कि 31 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने शराब निर्माता कंपनियों को 31 मई तक बिहार से शराब का सारा स्टॉक निकालने का आदेश दिया था। शराब कंपनियों की ओर से कहा गया कि उनके गोदामों में शराब का स्टॉक पड़ा है. कोर्ट सरकार को आदेश दे कि वह ये स्टाक निकालने के लिए तीन महीने का वक्त दे।

वहीं बिहार सरकार की ओर से कहा गया कि सरकार ने 30 मार्च को ही प्रस्ताव पास किया है कि 30 अप्रैल तक कंपनियां गोदाम से शराब निकाल सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद कंपनियों को दो महीने का वक्त देते हुए कहा कि 31 मई तक गोदाम से स्टॉक निकाल लिया जाए।

 न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की अवकाश कालीन पीठ के समक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता अमित सिब्बल ने इस मामले का उल्लेख किया। इस पर कोर्ट ने इसे 29 मई को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।

अमित सिब्बल ने कहा कि कंपनियों के लिये इतने कम समय में दो सौ करोड़ रुपये से अधिक के पुराने स्टाक का निस्तारण करना संभव नहीं है क्योंकि इसे नष्ट करने या इसके निर्यात के लिये एक निश्चित प्रक्रिया का पालन करना होगा।

बिहार सरकार ने राज्य में शराब के सेवन, भंडारण ओर बिक्री पर 30 मार्च को पूर्ण प्रतिबंध लगाते हुये एक प्रस्ताव पारित किया था जिसमें इन कंपनियों को अपना पुराना स्टाक दूसरे राज्यों को भेजने की अनुमति प्रदान की गयी थी।

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राज्य सरकार ने इन कंपिनयों को आवकारी और गैर आबकारी जिन्सों को 30 अप्रैल तक निर्यात करने की अनुमति दी थी। इसके बाद ये कंपनियां ऐसा नहीं कर सकती थीं। हालांकि शीर्ष अदालत ने शराब निर्माताओं की याचिका पर यह अवधि 31 मई तक बढा दी थी।

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