NIA करेगी कानपुर रेल हादसे की जांच, इंटरपोल की भी ली जाएगी मदद
मोतिहारी में गिरफ्तार तीन अपराधियों के कहा है कि उन्होंने कानपुर रेल हादसे को ISI की शह पर अंजाम दिया था। इसके बाद पूरे मामले की जांच NIA करेगी। जांच में इंटरपोल भी मदद करेगी।
पटना [राज्य ब्यूरो]। कानपुर रेल हादसे में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ का कनेक्शन मिलने के बाद इसकी जांच नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) को सौंपने की तैयारी हो रही है। इस रेल हादसे के तार उत्तर प्रदेश के अलावा देश के कई अन्य राज्यों तथा पड़ोसी देश नेपाल व पाकिस्तान से भी जुड़े हैं। साथ ही नेपाल में पकड़े गए दो अन्य आइएसआइ एजेंटों से पूछताछ के लिए इंटरपोल की मदद ली जाएगी।
एनआइए के एक अधिकारी ने बताया कि हम ऐसे मामलों की जांच दो स्तर पर स्वीकार करते हैं। पहला कि फिलहाल इसकी जांच कर रही बिहार पुलिस खुद मामला एनआइए को हस्तानांतरित कर दे या फिर इसकी गंभीरता को समझते हुए एनआइए खुद जांच अपने हाथों में ले। अधिकारी ने बताया कि फिलहाल हम बिहार पुलिस द्वारा की जा रही जांच पर नजर बनाए हुए हैं।
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इस बीच मोतिहारी से गिरफ्तार मोती पासवान व उसके अन्य दो साथियों उमाशंकर प्रसाद और मुकेश यादव को छह दिनों के पुलिस रिमांड पर लिया जा चुका है। एनआइए की टीम भी इस पूछताछ में शामिल है। उसके बाद इस मामले को अपने हाथ में लेने के संबंध में फैसला किया जाएगा।
इधर, बिहार पुलिस ने भी मामले को एनआइए के सुपुर्द करने के संकेत दिए हैं। राज्य पुलिस मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि तीनों अभियुक्तों को छह दिन के रिमांड पर लेकर हो रही पूछताछ में सामने आने वाले तथ्यों के आधार पर फैसला लिया जाएगा।
उधर, नेपाल पुलिस द्वारा गिरफ्तार शंभू गिरी और मुजाहिर अंसारी से इंटरपोल के माध्यम से पूछताछ की कोशिश गृह मंत्रालय के स्तर पर शुरू कर दी गई है। मोती पासवान व उसके दो अन्य साथियों से पूछताछ के लिए एनआइए की एक टीम भी मोतिहारी पहुंच चुकी है। रिसर्च एंड एनायलसिस विंग (रॉ) के अलावा यूपी एटीएस, कानपुर जीआरपी समेत केंद्रीय खुफिया एजेंसी की टीम मोती पासवान व उसके साथियों से लगातार पूछताछ कर रही है।