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शहाबुद्दीन पर एक और मुकदमा, उम्रकैद में जमानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

शहाबुद्दीन चौतरफा घिरते नजर आ रहे हैं। एसिड बाथ डबल मर्डर मामले में उम्रकैद की सजा को निलंबित करते हुए हाईकोर्ट से मिली जमानत के खिलाफ भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर हुई है।

By Amit AlokEdited By: Published: Mon, 26 Sep 2016 10:55 AM (IST)Updated: Mon, 26 Sep 2016 10:49 PM (IST)
शहाबुद्दीन पर एक और मुकदमा, उम्रकैद में जमानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

पटना [वेब डेस्क]। राजद के बाहुबली नेता व पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन को जिस एसिड बाथ डबल मर्डर मामले में उम्रकैद की सजा हुई है, उसी में पटना हाईकोर्ट से मिली जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। दूसरी ओर डबल मर्डर में गवाह रहे मृतकों के भाई की हत्या के मुकदमे में मिली जमानत पर मृतक के पिता चंदा बाबू व बिहार सरकार की अपील पर सुप्रीम कोर्ट 28 सितंबर को सुनवाई करेगी।

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एसिड बाथ डबल मर्डर व इसके गवाह की हत्या के दो मामलों में तीन बेटों को खो चुकीं चंदा बाबू की पत्नी कलावती देवी ने भी उम्रकैद वाले मामले में शहाबुद्दीन की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से शहाबुद्दीन की उम्रकैद को बहाल करते हुए इस मामले में जमानत रद करने की मांग की है।

गवाह हत्यातकांड में सुनवाई आज

उधर, कलावती देवी के पति चंद्रकेश्वर प्रसाद (चंदा बाबू) तथा बिहार सरकार ने पहले ही सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर एसिड बाथ डबल मर्डर के गवाह की हत्या के मामले में शहाबुद्दीन को मिली जमानत रद करने की मांग की है। इसपर बीते 19 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने शहाबुद्दीन से जवाब मांगा था। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई होनी थी, जो 28 सितंबर के लिए टल गई है।

हाईकोर्ट के फैसले को दी चुनौती

एसिड बाथ डबल मर्डर मामले में कलावती देवी ने पटना हाईकोर्ट के इस साल दो मार्च को आए फैसले को चुनौती देते हुए कहा है कि कोर्ट ने शहाबुद्दीन को अपील लंबित रहने के दौरान स्थायी जमानत दी। निचली अदालत ने इस डबल मर्डर में शहाबुद्दीन को फिरौती के लिए अपहरण और हत्या का दोषी पाकर उम्रकैद की सजा दी थी, जबकि चश्मदीद युवक की मौत के मामले में मुकदमा चल रहा है।

शहाबुद्दीन खतरनाक अपराधी

कलावती देवी ने अपनी याचिका में कहा है कि हाईकोर्ट ने इस तथ्य पर गौर नहीं किया कि शहाबुद्दीन एक खतरनाक अपराधी है, जिसे कानून की जरा भी परवाह नहीं है। इसमें आगे कहा गया है कि हत्या, अपहरण जैसे गंभीर अपराधों के दोषी को जमानत दे दी गई, जबकि उसके खिलाफ कई और मामलों में मुकदमे अभी चल रहे हैं।

कलावती देवी ने बिहार सरकार द्वारा शीर्ष अदालत में दिए गए हलफनामे के हवाले से अपनी याचिका में कहा है कि नवंबर 2014 तक शहाबुद्दीन के खिलाफ कम से कम 38 मामलो में मुकदमे लंबित थे। ये मामले हत्या, हत्या की कोशिश, खतरनाक हथियार से दंगा, वसूली सहित अन्यब संगीन अपराधों से जुड़े हैं।

याचिका पर आज हो सकती सुनवाई

इस याचिका को भी अधिवक्ता प्रशांत भूषण के जरिए दायर किया गया है। इस याचिका पर भी संभवत: 28 सितंबर को ही सुनवाई होगी।

राजदेव हत्यातकांड में भी याचिका दायर

इसके अलावा सिवान में मारे गए पत्रकार राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मामले को दिल्ली स्थानांतरित करने की मांग की है। इसपर भी सुनवाई जारी है। पत्रकार को भी कथित तौर पर शहाबुद्दीन के इशारे पर ही मारा गया था।


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