VIDEO : बिहार के लुटेरों को सजा देने के लिए हो रहा चुनाव : पीएम मोदी
बिहार विधानसभा चुनाव के चौथे चरण वाले क्षेत्रों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (नमो) की दो रैलियां श्ुाक्रवार को हुईं। प्रधानमंत्री ने गाेपालगंज में अपनी पहली रैली में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को निशाने पर लिया। बिहार में बीते दिनों हुए घोटालों की चर्चा की।
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के चौथे चरण वाले क्षेत्रों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (नमो) की दो रैलियां शुक्रवार को हुईं। प्रधानमंत्री ने गाेपालगंज में अपनी पहली रैली में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को निशाने पर लिया। बिहार में बीते दिनों हुए घोटालों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह चुनाव बिहार के लुटेरों को सजा देने के लिए हो रहा है।
प्रधानमंत्री का भाषण सुनने गोपालगंज में उमड़ी भीड़, देखें तस्वीरें...
गोपालगंज में पीएम ने ली नीतीश सरकार की खबर, देखें तस्वीरें...
प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार ने संसद में दलितों-पिछड़ों के आरक्षण को काटकर संप्रदाय के आधार पर आरक्षण देने की वकालत की थी। गोापलगंज के पुराने दिनों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यहां मां-बेटियों की इज्जत सुरक्षित नहीं थी, अपहरण व हत्याएं होती थीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले
- आजकल आपलोग महास्वार्थबंधन के नेताओं की बयानबाजी सुनते हैं। वे अनाप-शनाप भाषा बोले जा रहे हैं। उनकी डिक्शनरी तो खाली हो चुकी है, लेकिन रोज नई-नई गालियां खोजते हैं।
- ये लोग (महागठबंधन के नेता) चुनाव में ऐसा व्यवहार क्यों कर रहे हैं? सारी मर्यादाएं तोड़कर निम्न स्तर की भाषा पर क्यों उतर आए हैं? कारण यह नहीं कि मोदी ने कोई गलती की। कारण यह है कि मोदी से जनता का प्रेम वे पचा नहीं पा रहे हैं। रैली के बाद महागठबंधन के लोग जितना आपा खोते हैं, उससे तय होता है कि रैली कितनी सफल हुई है।
- गरीब से गरीब व्यक्ति को भी कोई बिकाउ कहे तो वह सहन नहीं करेगा। चुनाव में तो हार-जीत होती रहती है। ऐसा क्या गुस्सा? मोदी पर आरोप लगाते लगाते थक गए तो बिहारियों का अपमान शुरू कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया है कि मोदी की सभा में लोग पैसे देकर लाए जाते हैं। यह बिहारियों का अपमान है। नीतीश बाबू, आपको बिहारियों का अपमान महंगा पड़ेगा। मोदी पर जितना जुल्म करना है कर लो नीतीश बाबू, बिहारियों का अपमान मत करो।
- याद करिए, गोपालगंज को मिनी चंबल बना दिया था। यहां रेलवे स्टेशन पर गोलियां चलती थीं। गाेपालगंज में जंगल राज था। नौजवानों को रोजी-रोटी के लिए गोपालगंज से पलायन करना पड़ा।
- पूरे राज्य में सबसे ज्यादा युवाओं का पलायन गोपालगंज व सिवान से हुआ। बिहारी नौजवानों को बाहरी किसने बनाया? हमें ऐसा बिहार बनाना है, जिसमें बिहार में ही नौजवानों को बिहार में रोजगार मिले।
- बड़े भाई (लालू प्रसाद) को बेटों के सिवा किसी और की चिंता नहीं। जेल गए तो बीवी को सत्ता देकर गए। यह क्या खेल चल रहा है?
- विकास ही बिहार को बदहाली से बचा सकता है। मैं एक ही बात कहने आया हूं। मुझपर भरोसा करिए। इस भाई-भतीजावाद को खत्म करना है।
- दिल्ली दिन-रात भ्रष्टाचार के कारण बदनाम थी। चारो तरफ लूट मची थी। आपने मुझे 16 महीने से बिठाया है, एक रुपये की शिकायत आई है क्या?
- टीवी पर कैमरे में नीतीश के मंत्री पकड़े गए। लेकिन, उनको कोई शर्म नहीं है। नीतीश ने कहा था कि कोई सी मंत्री या नेता भ्रष्टाचार के लिए पकड़ा जाएगा तो उसका घर जब्त कर गरीबों के सकूल खोला जाएगा। लालू को भ्रष्टाचार में जेल हुई। उनके घर को जब्त क्यों नहीं किया?
- सरकार बनी नहीं कि बिहार बेचने की योजना बनने लगी। जरा याद करिए इनके घोटालों को (घोटालों की पूरी लिस्ट गिना दी)।
- ये (महागठबंधन की ओर इशारा) घोटालों की सूची से भरे लोग हैं। इन्हें और घोटाले करने की इजाजत देनी चाहिए क्या? ये चुनाव सरकार बनाने के लिए नहीं, बिहार को लूटने वालों को सजा देने के लिए है।
- नीतीश कहते हैं, हमें पुराने दिन लौटा दो। उन्होंने जंगलराज कायम किया था। गोपालगंज में आए दिन अपहरण होते थे। मां-बेटी की इज्जत लूटी जाती थी। अपहरण होते थे। कानून व्यवस्था का बुरा हाल था। वो पुराने दिन चाहिए क्या?
- बिहार के नौजावनों, बुजुर्गों व परिवारों के लिए मेरा तीन सूत्री कार्यक्रम है - पढ़ाई, कमाई व दवाई।
- बिहार के बच्चों व नौजवानों को बेहतर शिक्षा मिलनी चाहिए। इसके लिए विकास वाली सरकार चाहिए।
- बिहार के हर मां-बाप चाहते हैं कि बेटा बड़ा होकर कमाई करे। बिहार का नौजवान स्वाभिमान से जीने के लिए मेहनत की कमाई करना चाहता है। वह अवसर चाहता है। बिहार में कमाई के लिए उद्योग धंधे चाहिए। बिजली चाहिए।
- नीतीश ने कहा था कि वे घर-घर बिजली पहुंचाएंगे। बिजली नहीं आई। उन्होंने धोखा किया। बिहार को 24 घंटे बिजली चाहिए, ताकि उद्योग लगें और बिहार के नौजवानों को रोजगार मिले। बिहार के बुर्जुगों को बिहार में चिकित्सा की बेहतर सुविधा भी मिलनी चाहिए।
- आरक्षण पर 24 अगस्त 2005 को पार्लियामेंट में नीतीश ने अपने इरादे को साफ कर दिया था। उन्होंने कहा था कि दलितों, महादलितों, आदिवासियों, पिछड़ों के आरक्षण का हिस्सा काटकर संप्रदाय के आधार पर देना चाहिए। महागठबंधन के लोग दलितों व पिछड़ों का आरक्षण चुराना चाहते हैं।
- नीतीश को जनता के पास जाने की हिम्मत नहीं तो तांत्रिक के पास जाते हैं। सारे हिंदुस्तान के तांत्रिक इकट्ठा कर लो। हमारा भरोसा जनता पर है।
- हमें विकास के लिए बदलाव चाहिए। हमें सरकार चाहिए विकास के लिए। ये लोग (महागठबंधन) बिहार की राजनीति में दोबारा नहीं आ सकेंगे। आने वाले दो चरणों में भी पहले के तीन चरणों की तरह ही जनता का विश्वास मिलेगा, ऐसा हमें विश्वास है।