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दिल्ली नहीं पहुंचे, तो पटना ही सही

लोकसभा के पिछले चुनाव में मुंह की खा चुके कई दिग्गज इस बार विधानसभा चुनाव में दांव आजमाने की तैयारी में हैं। टिकट के लिए वे किसी भी राजनीतिक दल का दामन थाम सकते हैं। इनमें वैसे लोग ज्यादा हैं, जो लोकसभा चुनाव में दूसरे या तीसरे नंबर पर रहे।

By Amit AlokEdited By: Published: Fri, 26 Jun 2015 10:01 AM (IST)Updated: Fri, 26 Jun 2015 10:03 AM (IST)
दिल्ली नहीं पहुंचे, तो पटना ही सही

पटना [दीनानाथ साहनी]। लोकसभा के पिछले चुनाव में मुंह की खा चुके कई दिग्गज इस बार विधानसभा चुनाव में दांव आजमाने की तैयारी में हैं। टिकट के लिए वे किसी भी राजनीतिक दल का दामन थाम सकते हैं। इनमें वैसे लोग ज्यादा हैं, जो लोकसभा चुनाव में दूसरे या तीसरे नंबर पर रहे थे।

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जमुई संसदीय सीट (सुरक्षित) से हार दर्ज करा चुके बिहार विधानसभा के अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी का बतौर जदयू उम्मीदवार इमामगंज सीट से लडऩा तय है। इसी तरह गया संसदीय सीट (सुरक्षित) से लोकसभा चुनाव लड़ चुके पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी मखदुमपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतरेंगे। वर्तमान में मांझी इस क्षेत्र से ही विधायक हैं।

राजद के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री जगदानंद सिंह बक्सर संसदीय सीट से मात खा गए थे। माना जा रहा है कि राजद के टिकट पर वे विधानसभा पहुंचने के लिए जोर लगाएंगे। ददन यादव पहलवान भी विधानसभा चुनाव में उतरने के लिए तैयार हैं।

खास बात यह है कि लगभग दो दर्जन नेता ऐसे हैं, जिनके लिए पार्टी लाइन का कोई मतलब नहीं। उन्हें जो पार्टी टिकट देगी, उसी के साथ हो जाएंगे, हालांकि इस दौड़ को कुछ नेता गलत मानते हैं।

राजद नेता प्रो.रामबली सिंह का कहना है कि 'बार-बार चुनाव हार चुके नेताओं की जगह नए लोगों को लडऩे का अवसर दिया जाना चाहिए। इससे समर्पित कार्यकर्ताओं में सकारात्मक संदेश जाएगा। जो नेता हार के बाद भी जीतने की ताकत रखते हैं, उन्हें टिकट से वंचित भी नहीं किया जाना चाहिए।


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