इंटर काउंसिल में लगी आग, 2014 की कॉपियां राख
गत दिसम्बर में लगी आग की जांच अभी पूरी भी नहीं हो पाई थी कि शनिवार को पूर्वाह्न 11 बजे एक बार फिर इंटर काउंसिल धधक उठा। आग काउंसिल के ग्राउंड फ्लोर पर लगी थी। यहां वर्ष 2014 की इंटर विज्ञान की प्रायोगिक परीक्षा की कॉपियां रखी गईं थीं।
पटना। गत दिसम्बर में लगी आग की जांच अभी पूरी भी नहीं हो पाई थी कि शनिवार को पूर्वाह्न 11 बजे एक बार फिर इंटर काउंसिल धधक उठा। आग काउंसिल के ग्राउंड फ्लोर पर लगी थी। यहां वर्ष 2014 की इंटर विज्ञान की प्रायोगिक परीक्षा की कॉपियां रखी गईं थीं, जो राख हो गईं। काउंसिल के गार्ड ने तत्काल इसकी सूचना फायर ब्रिगेड को दी। तब तक वहां रखी अधिकतर कॉपियां राख हो चुकी थीं।
तरह-तरह की चर्चाए : जिस कमरे में आग लगी थी, उसके बाहर 'प्रवेश निषेध' लिखा है। ऐसे में आग को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। कुछ लोगों का कहना है कि आग शॉर्ट-सर्किट से लगी, तो कुछ मानते हैं कि यह जानबूझकर लगाई गई, ताकि रिजल्ट में होने वाले घपले-घोटालों पर पर्दा डाला जा सके।
बार-बार आग लगने की घटनाओं के कारण काउंसिल प्रबंधन शक के दायरे में आ गया है। आखिर काउंसिल में बार-बार आग क्यों लग रही है?
रद्दी कॉपियों में बीड़ी-सिगरेट से लगी आग : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष प्रो. लालकेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा कि आग रद्दी कॉपियों में लगी। किसी ने बीड़ी-सिगरेट पीकर उन कॉपियों पर फेंक दिया था, जिससे आग लग गई। लेकिन, सवाल यह है कि जब उस कमरे में आम लोगों का प्रवेश निषेध है तो वहां कोई कैसे पहुंच गया? इसका अध्यक्ष कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके।
अब तक नहीं आई जांच रिपोर्ट : पिछली बार आग लगने की घटना की जांच के लिए तत्कालीन संयुक्त सचिव सुनील कुमार के नेतृत्व में एक जांच कमेटी बनाई गई थी। कमेटी ने अभी तक फाइनल रिपोर्ट नहीं दी है। प्राथमिक रिपोर्ट में कमेटी ने घटना का कारण शॉर्ट सर्किट बताया था।
कमेटी के अध्यक्ष व काउंसिल के संयुक्त सचिव सुनील कुमार 20 मई को घूस लेते पकड़े जाने के कारण फिलहाल जेल में हैं। उनके जेल जाने को भी इस घटना से जोड़कर देखा जा रहा है।