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फंसी रहीं ट्रेनें, ड्राइवर मांगता रहा लिखित आदेश

जागरण संवाददाता, पटना : दानापुर मंडल के सचिवालय हॉल्ट में खराब इंजन को हटाने के लिए ड्राइवर लिखित

By Edited By: Published: Sat, 25 Apr 2015 01:05 AM (IST)Updated: Sat, 25 Apr 2015 01:05 AM (IST)
फंसी रहीं ट्रेनें, ड्राइवर मांगता रहा लिखित आदेश

जागरण संवाददाता, पटना : दानापुर मंडल के सचिवालय हॉल्ट में खराब इंजन को हटाने के लिए ड्राइवर लिखित आदेश का इंतजार करता रहा। इसके कारण पटना-मुगलसराय का डाउन रेलवे ट्रैक घंटों बाधित रहा। रेलवे अधिकारियों की लेटलतीफी के कारण आधा दर्जन से अधिक ट्रेनें विभिन्न स्टेशनों पर फंसी रहीं। कई जगह यात्रियों ने हंगामा भी किया। लगभग दो घंटे के बाद लिखित आदेश मिला, मगर तब तक दूसरे इंजन को पटना जंक्शन से भेजकर खराब इंजन को डाउन लाइन से हटा दिया गया।

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दरअसल, सचिवालय हॉल्ट पर खराब पड़े इंजन को हटाने की सूचना तत्काल दानापुर कंट्रोल रूम को दी गई थी जिसके बाद फुलवारीशरीफ में खड़ी सासाराम-पटना सवारी गाड़ी के इंजन को काटकर बंद इंजन को हटाने का निर्देश दिया गया। मगर सासाराम सवारी गाड़ी के ड्राइवर ने बगैर लिखित आदेश के इंजन काटने से इनकार कर दिया। इसके बाद उसे इंजन काटने का आदेश स्टेशन प्रबंधक द्वारा दिया गया। ड्राइवर ने इंजन को रैक से अलग तो कर दिया परंतु उसे लाल हुए सिग्नल को पार करने से इनकार कर दिया। इसके लिए उसने अलग से लिखित आदेश की मांग की। काफी देर बाद जब तक ड्राइवर को लाल सिग्नल पार करने का आदेश मिला, तब तक पटना जंक्शन से खाली इंजन को भेजकर सचिवालय हॉल्ट पर बंद पड़े इंजन को हटा लिया गया। फुलवारीशरीफ में खड़ी सासाराम सवारी गाड़ी का इंजन वापस जोड़ देने का निर्देश दिया गया।

इधर, इंजन काटने-जोड़ने में हो रहे लेट पर सासाराम सवारी गाड़ियों के यात्रियों ने जमकर हंगामा किया। इंजन फंसने के कारण मुगलसराय की ओर से आ रही तूफान एक्सप्रेस, संघमित्रा एक्सप्रेस, मगध एक्सप्रेस समेत कई मेमू सवारी गाड़ियां विभिन्न स्टेशनों पर फंसी रही। यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

लाल सिग्नल पार करने को लिखित आदेश जरूरी

रेलवे में यह प्रावधान है कि जब भी कोई चालक ट्रेन से इंजन काटकर लाल सिग्नल पार करेगा, तो उसे फार्म टीए-602 पर लिखित आदेश मिलना जरूरी है। स्टेशन मास्टर द्वारा लिखित आदेश मिलने के बाद ही ड्राइवर लाल सिग्नल को पार कर सकता है। इसी कारण से सासाराम सवारी गाड़ी का चालक अड़ा रहा। दो बार लिखित आदेश लेने व काटने जोड़ने में दो घंटे से अधिक समय लग गया।


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