धान खरीद पर बिहार में चुनावी सियासत
-बिहार में धान खरीद की तारीख बढ़ाने पर केंद्र ने रखी शर्त -कुछ घंटे पहले पत्र भेजकर मांगी सात बिं
-बिहार में धान खरीद की तारीख बढ़ाने पर केंद्र ने रखी शर्त
-कुछ घंटे पहले पत्र भेजकर मांगी सात बिंदुओं पर जानकारी
अरविंद शर्मा, पटना
बिहार में धान खरीद की तारीख तो खत्म हो गई लेकिन इसी बहाने चुनावी समर का आगाज हो गया है। राज्य सरकार ने जैसे ही धान खरीद के लिए केंद्र से 15 अप्रैल तक मोहलत मांगी, वैसे ही आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। दोनों ओर से तीर-तरकश निकल गया। एक-दूसरे को घेरने की कोशिश की जाने लगी। विधान परिषद में भी बुधवार को पक्ष-प्रतिपक्ष में सियासी घमासान के हालात बने रहे।
धान खरीद की आखिरी तारीख खत्म होने के महज कुछ घंटे पहले केंद्र ने राज्य सरकार से सात विभिन्न बिंदुओं पर जानकारी मांगी, जिसके बाद ही धान खरीद की तारीख बढ़ाने की बात कही गई। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के संयुक्त सचिव द्वारा जारी पत्र में जिन बिंदुओं का उल्लेख किया गया था, उसे तुरंत जुटा पाना राज्य सरकार के लिए आसान नहीं था।
राज्य सरकार ने केंद्र से 24 मार्च को ही धान खरीद की तारीख बढ़ाने का आग्रह किया था, लेकिन 29 मार्च तक इसका कोई जवाब नहीं आया। खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्याम रजक के मुताबिक 30 मार्च को शाम पांच बजे उन्हें केंद्र का पत्र मिला। महज एक दिन में केंद्र सरकार द्वारा मांगी गई सारी जानकारियों पर काम करना संभव नहीं था। इसलिए मंत्री श्याम रजक ने भी लगे हाथ केंद्र सरकार से बिहार की 1958 करोड़ रुपये की बकाया राशि की मांग कर दी।
इसके पहले 21 मार्च को केंद्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्री राम विलास पासवान ने पटना में प्रेस कान्फ्रेंस बुलाकर धान की कम खरीदारी के मामले में बिहार सरकार को घेरने की कोशिश की थी, जिसके बाद से ही केंद्र और राज्य में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा था।
केंद्र ने क्या-क्या मांगा
-31 मार्च तक धान की कुल खरीद और उन्हें कहां कहां रखा गया?
-तारीख बढ़ाई जाती है तो कितना और धान खरीदा जा सकेगा?
-जनपदवार मिलिंग क्षमता कितनी है, मिलों के साथ अनुबंध की स्थिति?
-फंड कैसे जुटाए गए? किसानों को अब तक कितना भुगतान हुआ?
-क्या किसानों को चेक से भुगतान किया गया? नहीं तो क्यों?
-राज्य के किसानों को अब तक कितना बोनस दिया गया?
-खरीदे गए धान के स्टॉक के सत्यापन की क्या है व्यवस्था?
तीन बिंदुओं पर राज्य ने भेजी जानकारी
खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव पंकज कुमार ने बताया कि आसानी से उपलब्ध तीन बिंदुओं पर केंद्र को जानकारी भेज दी गई है। शेष पर काम किया जा रहा है। उसे भी जल्द ही भेज दिया जाएगा।
इनका कहना है
31 मार्च को धान खरीद की तारीख खत्म होनी थी और 30 को शाम पांच बजे केंद्र ने पत्र भेजकर सात बिंदुओं पर जानकारी मांगी। इतना कम समय में सारी जानकारी दे पाना कैसे संभव है। यह तो बिहार के किसानों के साथ राजनीति है?
श्याम रजक
खाद्य उपभोक्ता संरक्षण मंत्री
बढ़ सकती है धान खरीद की तारीख
विधान परिषद में विपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी के मुताबिक राज्य सरकार के जवाब के बाद केंद्र सरकार बिहार में धान खरीद की तारीख 15 अप्रैल तक बढ़ा सकती है। इस मामले में केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान से उनकी बात हो चुकी है।