कैंसर रोगियों को दर्द से निजात दिलाएगा एम्स
पटना। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पटना के एनीस्थीसिया विभाग जल्द ही एडवांस कैंसर रोगियों
पटना। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पटना के एनीस्थीसिया विभाग जल्द ही एडवांस कैंसर रोगियों के दर्द को कम करने लगेगा। विभाग ने पैलीएटिव केयर सेंटर खोलने की कमोवेश सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इस कार्य में रेडियोलॉजी, सर्जरी, मेडिसिन, साइकेट्री और फिजिकल मेडिसिन विभाग का भी सहयोग लिया जाएगा। यह जानकारी एनीस्थीसिया विभागाध्यक्ष डॉ. उमेश कुमार भदानी ने शनिवार को दी। वह संस्थान में मरीजों की बेहतर देखरेख विषय पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। चर्चा का मुख्य केंद्र कैंसर के ऐसे रोगियों की देखरेख थी जिनकी जिंदगी काफी कम बची है।
संस्थान के चिकित्साधीक्षक सह एनेस्थीसिया विभागाध्यक्ष डॉ. उमेश कुमार भदानी के अनुसार तमाम कैंसर रोगी पेन मैनेजमेंट के लिए एम्स पटना आते हैं। पैलिएटिव केयर, कैंसर इलाज के साथ-साथ मरीजों को दी जाती है। जब मरीज कैंसर को झेलते हुए ऐसी अवस्था में पहुंच जाता है, जब ठीक होना मुश्किल होता है तो पैलिएटिव केयर ही एकमात्र विकल्प बचता है। अस्पतालों में पैलिएटिव केयर के लिए प्रशिक्षित स्टाफ होता है। यह सुविधा घर में भी दी जा सकती है।
दिल्ली एम्स की डॉ. सुषमा भटनागर ने कैंसर दर्द और पैलिएटिव केयर पर चर्चा की। यहीं के डॉ. ठक्कर कैंसर के दर्द को कम करने के लिए रेडियोडायग्नोसिस उपायों पर प्रकाश डाला। डॉ. निशांत सहाय ने कैंसर और दर्द के बीच के संबंध पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि क्यों कैंसर रोगियों को अत्यधिक दर्द का सामना करना पड़ता है।
क्या है पैलिएटिव केयर : यह ऐसे मरीजों को दी जाती है जो किसी भयंकर बीमारी जैसे कैंसर आदि से पीड़ित है। इसके लिए डॉक्टर, नर्स, डायटीशियन, फार्मासिस्ट और सोशल वर्कर आदि की पूरी टीम शामिल होती है। पैलिएटिव केयर, कैंसर का पता चलने से लेकर इलाज के दौरान व उसके बाद भी दी जाती है। इससे मरीज के जीवन की गुणवत्ता बढ़ जाती है।