मास्क की दीवानगी, कर सकती संक्रमित
पटना : प्रदेश में भले ही स्वाइन फ्लू के सिर्फ 13 मिले हों लेकिन इसकी दहशत लोगों के मन में बैठ चुकी ह
पटना : प्रदेश में भले ही स्वाइन फ्लू के सिर्फ 13 मिले हों लेकिन इसकी दहशत लोगों के मन में बैठ चुकी है। सड़क, सार्वजनिक स्थलों व अस्पतालों में मास्क पहने लोग दिखने लगे हैं। लोगों के डर को दवा दुकानदार जमकर कैश कर रहे हैं। दस रुपये का मास्क 30 रुपये में बेच रहे हैं। अधिकांश दुकानदार जो मास्क बेच रहे हैं वह थ्री लेयर की जगह टू लेयर है। जो संक्रमण रोकने में सक्षम नहीं है। लोगों को मास्क पहनने का तरीका व उसकी बारीकियों का भी ज्ञान नहीं है। इससे संक्रमण रुकने की जगह तेजी से लोगों को शिकार बना रहा है।
कैसा मास्क पहनें :
- सिर्फ ट्रिपल लेयर (इसमें तीन पट्टियां उभरी रहती हैं) और एन 95 मास्क ही वायरस से बचाव में कारगर हैं।
- सिंगल या डबल लेयर मास्क की 20 परतें लगाकर भी बचाव नहीं हो सकता।
- मास्क न मिले तो मलमल के साफ कपड़े की चार तह बनाकर उसे नाक और मुंह पर बाधें। इसे धोकर दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है।
मास्क के फायदे-नुकसान :
- यदि आपके आस-पास कोई संक्रमित या आशंकित मरीज नहीं है, तो मास्क न लगाएं।
- यदि मास्क को सही तरीके से नष्ट न किया जाए या एक से ज्यादा बार इस्तेमाल किया जाए तो स्वाइन फ्लू फैलने का खतरा और ज्यादा हो जाता है।
- खासी या जुकाम होने पर मास्क जरूर पहनें।
- मास्क बहुत ज्यादा टाइट पहनने से यह थूक के कारण गीला हो सकता है।
- यात्रा के दौरान यदि पहनना चाहें तो सुनिश्चित कर लें कि मास्क एकदम सूखा हो। उसे बैग में रखें और चार बार इस्तेमाल करने के बाद बदल दें।
ये जरूर पहनें मास्क :
- यदि फ्लू के लक्षण दिखाई दें तो रोगी व सभी परिजन।
- भीड़ भरी जगहों में जा रहे हैं तो सावधानी के लिए पहन सकते हैं।
- मरीजों की देखभाल करने वाले डॉक्टर, नर्स व अन्य कर्मचारी।
- एयरकंडीशड ट्रेनों या बसों में सफर करने वालों को एहतियातन मास्क पहन लेना चाहिए।
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कितनी देर प्रभारी रहता मास्क :
- सामान्य मास्क, स्वाइन फ्लू से बचाव में कारगर नहीं है।
थ्री लेयर सर्जिकल मास्क चार घटे और एन-95 मास्क को आठ घटे तक लगा सकते हैं।
- ट्रिपल लेयर सजिर्कल मास्क 70-80 प्रतिशत तक वायरस से बचाव करता है। वहीं एन-95 से 95 फीसद तक बचाव होता है।
- मास्क तभी वायरस से बचाव करेगा जब उसे ऐसे बांधा जाए कि नाक व मुंह पूरी तरह से ढंक जाए। क्योंकि वायरस साइड से भी अंदर जा सकते हैं।
- एक मास्क चार-छह घटे से ज्यादा देर तक इस्तेमाल न करें, क्योंकि खुद की सास-थूक से भी मास्क खराब हो जाता है।