राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय केन्द्रीय कृषि विवि में अपग्रेड
राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय केन्द्रीय कृषि विवि में अपग्रेड
पटना : राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय को रविवार को केन्द्रीय कृषि विवि की मान्यता प्रदान कर दी गई। कृषि उत्पादन आयुक्त विजय प्रकाश और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक एस अयप्पन ने केन्द्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और कृषि मंत्री नरेन्द्र की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर केन्द्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कृषि के क्षेत्र में बिहार के लिए कई घोषणाएं की। राजेन्द्र केन्द्रीय कृषि विवि के लिए 400 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अधीन 7 अनुसंधान केन्द्र, 5 कॉलेज और 11 कृषि विज्ञान केन्द्र रहेंगे। सारण में कृषि, पश्चिम चंपारण में उद्यान, दरभंगा या मधुबनी में मत्स्य कॉलेज स्थापित किए जाएंगे। बिहार को जल्द ही गन्ना विकास केन्द्र का तोहफा मिलेगा। केन्द्र सरकार करनाल स्थित नेशनल डेयरी की शाखा बिहार में खोलने को तैयार है, बशर्ते राज्य सरकार कम से कम दो सौ एकड़ जमीन उपलब्ध करा दे। सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार कृषि के क्षेत्र में बिहार को पूरा सहयोग देने को तैयार है, लेकिन राज्य सरकार केन्द्रीय अनुदान को खर्च नहीं कर पा रही है। चालू वित्तीय वर्ष खत्म होने में दो माह रह गए, मगर विभिन्न योजनाओं के करोड़ों रुपये पड़े हैं। उन्होंने राज्य सरकार को सलाह दी कि पैसे खर्च करने में तेजी लाए। सिंह ने कहा कि बरही (झारखंड) में एक हजार एकड़ में कृषि अनुसंधान केन्द्र बनाया जाएगा। उन्होंने मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि बिहार कृषि प्रधान राज्य है। कृषि रोडमैप बनाने वाला देश का पहला राज्य है। केन्द्र से मिली राशि खर्च न होने के कारणों पता लगाया जाएगा। मांझी ने कहा कि केन्द्र योजनाएं दे, राज्य सरकार जमीन की कमी नहीं होने देगी।
कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह ने कहा कि राजेन्द्र कृषि विवि को केन्द्रीय विवि का दर्जा देने की मांग लंबे समय से की जा रही थी। उन्होंने आइसीएआर को सुदृढ़ करने की मांग की। मौके पर कृषि आयुक्त विजय प्रकाश, एसके नेगी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा, राजेन्द्र कृषि विवि के कुलपति आरके मित्तल व बिहार कृषि विवि के कुलपति एम एल चौधरी उपस्थित थे।