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शिक्षक राजनीति का हिस्सा ना बने

शिक्षक राजनीति का हिस्सा ना बने

By pradeep Kumar TiwariEdited By: Published: Sun, 25 Jan 2015 04:55 PM (IST)Updated: Sun, 25 Jan 2015 05:17 PM (IST)

फुलवारीशरीफ! निजी विद्यालयों में शिक्षकों का शोषण किया जाता है। उन्हें कम से कम वेतन और ज्यादा से ज्यादा काम लिया जाता है। मगर वह कभी आंदोलन नहीं करते हैं। मगर हमारे शिक्षकों को राजनीति का शिकार कुछ पार्टी वालों ने बना दिया है। उनका काम ब'चों को शिक्षा देना नहीं रह गया और ना ही वह विद्यालय जाते हैं बल्कि वह बेली रोड और आर ब्लाक पर नारे बाजी करते रहते हैं। ऐसे लोगों को मैं सावधान करता हूं कि वह किसी बहकावे में ना आए बल्कि अपना काम करें, हम उनकी समस्या का समाधान करेंगे। उक्त बातें मुख्य मंत्री जीतन राम मांझी ने इमारत ए शरिया में अल्पसंख्यकों की शैक्षिक समस्या एवं समाधान पर आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा। उन्होंने कहा कि शिक्षक राजनीति का हिस्सा ना बने वह राजनीति का हिस्सा बन धरना देने से बचे। मुख्य मंत्री ने कहा कि गांव में शिक्षा का माहौल बनाये और सभी को शत प्रतिशत शिक्षित करें। दूर दराज इलाकों में शिक्षा ग्रहण करने के दौरान होने वाली समस्याओं को देखते हुए हर एक प्रखंड में ऊंच विद्यालय एवं बालिका विद्यालय खोलने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। ऐसा करने से गांव के लड़कियों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए दूर जाना नहीं पड़ेगा।उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में गांव में व्यापक कार्य करना है। इसलिए सरकार एक कड़ा कानून बनायेगी जिसमें नव नियुक्त डाक्टरों को पहले गांव में पांच साल अपनी सेवा देनी होगी। इसके साथ ही जिन विद्यालयों में दस अल्पसंख्यक समुदाय के ब'चे शिक्षा ग्रहण करते हैं या अल्पसंख्यक समुदाय की आबादी वाले इलाके में जो भी सरकारी विद्यालय होगा उसमें उर्दू शिक्षक को नियुक्त किया जायेगा। इसके बाद हर एक विद्यालयों में उर्दू शिक्षक की नियुक्त होगी। उर्दू और हिन्दी दो मधुर भाषा है हर कोई उर्दू पढ़े। अगर उर्दू भाषा मर गई तो मानो देश भी मर गया। उन्होंने लोगों से अहृवान किया की वह अल्पसंख्यक को शिक्षित करने के लिए अपना योगदान दें और इस समाज को शिक्षित करने का काम करें। बिहार में वक्फ के पास जितनी संपति है कि वह सरकार को मदद करे। सरकार ने वक्फ की संपति को सुरक्षित और एकत्र करने का निर्णय लिया है। ऐसा करने से अल्पसंख्यकों का बड़ा कल्याण होगा। उन्होंने इमारत ए शरिया में एक कन्फ्रेंश हॉल बनाने का भी ऐलान किया। समारोह को संबोधित करते हुए खाद्य आपूर्ति मंत्री श्याम रजक ने कहा कि अल्पसंख्यकों की दिशा को सुधारने के लिए उन्हें शिक्षित होना होगा। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में इमारत ए शरिया के द्वारा किए जा रहे कार्यो की प्रसंशा करते हुए कहा कि इनके प्रयास से ही इस समाज के लोग शिक्षित होंगे। वहीं राज्य के शिक्षा मंत्री वृषन पटेल ने कहा कि हमने उर्दू फारसी विश्वविद्यालय को जमीन दिया अब इस विश्व विद्यालय का अपना भवन होगा इसके साथ ही हम मदरसा बोर्ड को भी जमीन उपलब्ध कराने का काम कर रहे हैं। मदरसा बोर्ड को जमीन मिल जाने के साथ ही उसका अपना भवन होगा। उर्दू हमारी भाषा है देश की भाषा है। इसके लिए हम सब को मिल कर काम करना होगा। सम्मेलन को कानून मंत्री शहीद अली खान ने संबोधित करते हुए कहा कि किसी कौम का भला तब ही होगा जब वह शिक्षित होगी। सम्मेलन को इमारत ए शरिया के अमीर ए शरियत मौलाना निजामउद्दीन साहब, नाजिम अनिसुर रहमान कासमी, मौलाना वली रहमानी सहित कई लोगों ने संबोधित किया।

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