13 फीसद बच्चों में मानसिक समस्या
दुनिया के 13 फीसद बच्चे मानसिक बीमारियों के शिकार हैं।
जासं, पटना : दुनिया के 13 फीसद बच्चे मानसिक बीमारियों के शिकार हैं। यदि बच्चों पर विशेष रूप से ध्यान न दिया जाए तो मानसिक बीमारियों की दर और बढ़ सकती है। 13 फीसद बच्चों में से एक फीसद बच्चे मंदबुद्धि हैं। इन बच्चों को भी विशेष ध्यान रखकर काफी हद तक ठीक किया जा सकता है। परीक्षा के पहले तथा बाद में बच्चों में तनाव की स्थिति होती है। जब परीक्षाफल आने वाला हो या फिर परीक्षाफल आ गया हो तब और ध्यान देने की जरूरत होती है। ऐसे में बच्चों पर निगरानी रखने की जरूरत होती है। ये बातें शुक्रवार को दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम 'प्रश्न पहर' में कोइलवर मानसिक अस्पताल के अधीक्षक डॉ. केपी शर्मा ने छात्रों व अभिभावकों के प्रश्नों के जवाब में कहीं। प्रस्तुत हैं चुनिंदा प्रश्न व जवाब।
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खाली समय में पेंटिंग, खेल व अन्य गतिविधियों पर दें ध्यान
डॉ. शर्मा ने बताया कि परीक्षा खत्म होने के बाद छात्र पेंटिंग, खेलकूद कंप्यूटर कोर्स आदि पर ध्यान देना चाहिए। मन का भटकाव नहीं होने से डिप्रेशन की संभावना भी खत्म हो जाती है। जीवन को एक लक्ष्य के अनुरूप ढालें, यह लक्ष्य अपनी क्षमता के अनुसार बनाएं। इसमें परिणाम की चिंता किए बगैर अपने लक्ष्य पर केंद्रीत रहें, एक दिन सफलता जरूर मिलेगी।
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इंटर के रिजल्ट को लेकर चिंतित हूं। मन में डर बना हुआ है, क्या करूं?
- राहुल कुमार, सिपारा
- आपने परीक्षा देकर अपना फर्ज पूरा किया। आप किसी चीजों पर चिंता न करें। अपने लाइफ स्टाइल में परिवर्तन करें। सोने व उठने का समय तय करें। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम करें। कोशिश करें कि रात में ज्यादा गर्म व ठंडा पदार्थ न खाएं।
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मैट्रीक का पेपर बेहतर नहीं गया है। अब रिजल्ट को लेकर चिंता बनी है।
- संजीव कुमार, नौबतपुर
- आप चिंता न करें। आप परिणाम आने से पहले किसी पेंटिंग, खेलकूद आदि पर ध्यान दें। मित्रों व रिश्तेदारों के साथ समय बिताएं।
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परीक्षा में अधिक तैयारी के बाद भी बच्चे तनाव में रहते हैं, इससे बचने के लिए वे क्या करें?
- डॉ. अर्चना सिंह, आशियाना
परीक्षा की तैयारी के समय छात्रों को अपनी ताकत या कमजोरी के रूप में नहीं सोंचना चाहिए। हमेशा अपनी क्षमता के अनुरूप लक्ष्य की प्राप्ति के लिए गतिशील रहना चाहिए। किसी परीक्षा का परिणाम ही अंतिम परिणाम नहीं होता। आने वाला दिन बेहतर हो इस पर ध्यान रखना चाहिए।
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पांच वर्षो से नौकरी के लिए पढ़ाई कर रहा हूं, सफलता नहीं मिली। अब आगे क्या करूं?
रवि रंजन, आनंदपुरी
तनाव को अपने ऊपर न हावी होने दें। आप लक्ष्य के प्रति गतिशील रहें। सफलता निश्चित मिलेगी। असफलता से डरने की जरूरत नहीं, इसका हिम्मत के साथ सामना करना चाहिए।
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हमेशा नींद आती रहती है। मन में नकारात्मक विचार आते रहते हैं। इससे छुटकारा कैसे मिलेगा?
- पवन कुमार, कंकड़बाग
- यह भी अवसाद का लक्षण हैं। आप किसी भी अनावश्यक बात को लेकर ना सोचें। जो मन में आए अपने परिजनों के साथ शेयर करें। किसी भी बात को अपने अंदर न रखें इसे अपने अभिभावक या मित्रों के साथ साझा करें। नियमित योगाभ्यास व व्यायाम करें। इसके बाद भी सुधार न होने पर डॉक्टर से मिले। अच्छी पुस्तकों का अध्ययन करें।
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इन बातों पर ध्यान दें छात्र
- कभी तनाव न लें, घबराएं नहीं
- परीक्षा के समय रिलैक्स रहें
- 5-6 घंटा न्यूनतम नींद पूरा करें
- दोस्तों के साथ अपनी बातों को शेयर करें
- समय से खाएं, समय से सोएं व जागें
- अपनी क्षमता के अनुरूप अपेक्षा करें
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ऐसी स्थिति हो तो डॉक्टर से करें संपर्क
परिणाम के बाद अनिद्रा, शारीरिक परिवर्तन या तनाव महसूस करें।
नकारात्मक विचार आए, भूख की कमी, चिड़चिड़ापन लगे।
ज्यादा या कम सोना, किसी की बात न समझना।
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