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पटना नगर निगम होगा भंग!

पटना नगर निगम में राजनीति के चलते योजनाओं को मूर्त देने में हो रही लापरवाही को देखते हुए नगर विकास विभाग ने अगले छह महीने के लिए निगम को भंग करने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी को सौंपा है।

By Mrityunjay Kumar Edited By: Published: Thu, 27 Nov 2014 09:46 AM (IST)Updated: Thu, 27 Nov 2014 09:51 AM (IST)
पटना नगर निगम होगा भंग!

पटना। पटना नगर निगम में राजनीति के चलते योजनाओं को मूर्त देने में हो रही लापरवाही को देखते हुए नगर विकास विभाग ने अगले छह महीने के लिए निगम को भंग करने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी को सौंपा है। साथ ही नगर आयुक्त कुलदीप नारायण की कार्य संस्कृति पर अंगुली उठाते हुए उन्हें हटाकर एक प्रशासक नियुक्त करने और निगम में कार्यरत ग्रुप ए, बी, सी और डी संवर्ग के कर्मचारियों का तबादला दूसरे जिलों में करने का प्रस्ताव भी दिया है। नगर विकास विभाग के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार नगर विकास एवं आवास मंत्री सम्राट चौधरी ने मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी को पत्र लिखा है।

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नगर निगम में शहर के विकास से जुड़ी योजनाओं की स्थिति, मेयर और आयुक्त के बीच चल रहे विवाद और इससे त्रस्त नगरवासियों का हवाला देकर मंत्री ने अगले छह महीने तक नगर निगम को भंग करने की अनुशंसा की है।

जवाब से संतुष्ट नहीं

नगर आयुक्त द्वारा दिए गए जवाब से नगर विकास विभाग संतुष्ट नहीं हुआ। सूत्र बताते हैं कि निगम की इस कार्यशैली से आजिज आकर नगर विकास व आवास मंत्री सम्राट चौधरी ने बुधवार को मुख्यमंत्री को पत्र लिख उनसे अगले छह महीने के लिए नगर निगम को भंग करने की अनुशंसा की है। सूत्र बताते हैं कि यदि मुख्यमंत्री अनुशंसा मानते हैं तो ऐसी स्थिति में निगम का भंग होना तय है।


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