छुट्टियां खत्म, अब काम के दिन
छुट़टी की खुमारी खत्म हो गई। शुक्रवार से जिंदगी की गाड़ी रूटीन पटरी पर लौटने लगेगी। गांव-घर गए लोग भी लौटने लगे हैं।
पटना । छुट़टी की खुमारी खत्म हो गई। शुक्रवार से जिंदगी की गाड़ी रूटीन पटरी पर लौटने लगेगी। गांव-घर गए लोग भी लौटने लगे हैं। बारिश के बाद सरकार के लिए काम के दिन होते हैं। वित्तीय वर्ष के प्रारंभिक दो माह तो राशि की मंजूरी और निकासी आदि की प्रक्रिया में गुजर जाते हैं। उसके बाद बारिश में काम की गति ठहर जाती है। बारिश के खत्म होने के साथ काम के दिन भी शुरू हो गए हैं।
सरकारी सेवकों के आराम के दिन भी खत्म हो गए। अक्टूबर में पर्व-त्योहार की छुट्टियों के कारण आराम-भ्रमण, उत्सव के दिन थे। दुर्गा पूजा, गांधी जयंती, चित्रगुप्त पूजा, भैयादूज, बकरीद, दीपावली, छठ आदि महत्वपूर्ण त्योहार और अवसर इसी माह थे। लगातार होने वाले अवकाश को देखते हुए लोगों ने कुछ जोड़-घटाव कर दूसरे प्रदेशों और पर्यटक स्थलों, तीर्थस्थलों का भी भ्रमण कर लिया। कुछ लोग आज-कल में लौटने वाले हैं। अब काम में जुट जाना होगा। यह महीना सरकार के लिए भी चुनौतियों से भरा रहा।
रावण वध के दौरान गांधी मैदान में भगदड़ के कारण काफी लोग मारे गए। दुर्घटना ने सरकार को परेशान कर दिया। खराब अनुभव, छठ में गंगा घाटों पर उमडऩे वाली भीड़ को देखते हुए विशेष चौकसी रखी गई।
अक्टूबर महीने की शुरुआत ही अवकाश के साथ हुई। बुधवार एक अक्टूबर को दुर्गा पूजा के लिए सप्तमी के अवकाश के साथ शुरुआत हुई।
2 अक्टूबर को अष्टमी और गांधी जयंती तो तीन को नवमी-दशमी का अवकाश रहा। महीने के अंत 29, 30 अक्टूबर को छठ की बंदी के साथ। महीने भर में आठ दिनों की बंदी थी। इसके अतिरिक्त चार प्रतिबंधित अवकाश भी। रविवार की छुट्टियां अलग से। सचिवालय में पांच दिवसीय सप्ताह वालों शनिवार की भी छुट्टी के कारण पूरा मौज रहा। दिसंबर में सिर्फ एक दिन 25 दिसंबर गुरुवार को क्रिसमस का अवकाश है। वैसे 24 को प्रतिबंधित अवकाश भी है। चेहल्लुम की छुट्टी तो 14 दिसंबर को है, मगर दिन रविवार पड़ रहा है। जाहिर है आराम के दिन खत्म हुए। खुमारी टूट रही है। अब काम के दिन शुरू हो रहे हैं।