बिहार में थर्ड जेंडर को मिलेगा नौकरियों में आरक्षण
सासाराम (ब्रजेश कुमार)। बिहार सरकार ने किन्नर, ट्रास जेंडर समुदाय को थर्ड जेंडर' के रूप में मान्यता देते हुए उन्हें शैक्षणिक व सामाजिक रूप से पिछड़ा घोषित कर नौकरियों में आरक्षण देने का निर्देश दिया है। इस संबंध में सभी जिलाधिकारी, संबंधित विभागों व अधिकारियों को निर्देश जारी किया गया है। यह आदेश सर्वोच्च न्यायालय के न्यायादेश के आलोक में जारी किया गया है। गत 15 अप्रैल को सर्वोच्च न्यायालय ने नेशनल लिगल सर्विस अथारिटी बनाम यूनियन आफ इंडिया के दायर रिट मामले के फैसले में किन्नर, ट्रास जेंडर आदि को थर्ड जेंडर के रूप में मान्यता देने व सामाजिक-शैक्षणिक रूप से पिछड़ा घोषित कर नौकरी व नामाकन में आरक्षण देने का आदेश दिया था। सरकार के अपर सचिव द्वारा गत 12 सितंबर को डीएम को जारी आदेश में कहा गया है कि राज्य सरकार ने उपरोक्त न्यायादेश के आलोक में किन्नर, हिजड़ा, ट्रासजेंडर, कोथी को थर्ड जेंडर के रूप घोषित किया है। साथ ही उन्हें पिछड़े वर्ग की सूची (अनुसूची-2) में क्रमाक 47 में स्वतंत्र रूप से शामिल किया गया है। उक्त समावेशन के फलस्वरूप थर्ड जेंडर के व्यक्तियों को राज्य सरकार की सेवाओं, जिला परिषद, नगर पालिका व अन्य अर्द्ध सरकारी सेवाओं में पिछड़े वर्ग को मिलने वाले आरक्षण का लाभ मिलेगा। साथ ही शैक्षणिक संस्थाओं में नामाकन में भी इन्हें आरक्षण का लाभ मिलेगा।