खुले आसमां के नीचे सजती है पाठशाला
रोशन कुमार राहुल, पटना : हरी घास, खुला आसमां, सामने बलखाती गंगा नदी और शाम की ठंडी बयार। पढ़ाई करने के लिए इससे खुशनुमा माहौल शायद ही हो। पटना कॉलेज के प्रशासनिक भवन के पीछे रोजाना इस खूबसूरत माहौल में एक पाठशाला सजती है। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले दर्जनों छात्र यहां जमघट लगाते हैं। रोजाना सुबह-शाम। ये छात्र यहां बैठकर एक दूसरे की पढ़ाई में मदद करते हैं। किसी विषय में आ रही शंका को समूह चर्चा से दूर करते हैं। यही कारण है कि इन छात्रों का प्रतियोगी परीक्षाओं में उम्दा प्रदर्शन है।
खुदाबख्श लाइब्रेरी के नियमित छात्र
पटना कॉलेज में समूह में बैठकर पढ़ाई करने वाले ये छात्र अशोक राजपथ स्थित खुदाबख्श ओरियंटल लाइब्रेरी के नियमित छात्र हैं। सभी सुबह आठ बजे लाइब्रेरी खुलने के पहले पहुंच जाते हैं। और शाम पांच बजे तक यहां शांत माहौल में पढ़ाई करते हैं। लाइब्रेरी में समूह चर्चा करने की अनुमति नहीं है। लिहाजा छात्रों ने यहां बैठकर पढ़ने की तरकीब सोची। लाइब्रेरी से शाम पांच बजे पढ़ाई समाप्त करने के बाद सीधे सभी छात्र पटना कॉलेज पहुंच जाते हैं। छात्रों की इस पहल को पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वाईसी सिम्हाद्रि ने भी सराहा है। छात्र बताते हैं पिछले दिनों कुलपति प्रो. सिम्हाद्रि कैंपस में भ्रमण कर रहे थे, इस दौरान हमें पढ़ाई करता देख वे काफी प्रसन्न हुए। उन्होंने हमलोंगों से कहा ' यू ऑल आर डूविंग ए गुड जॉब'।
अंधेरा होने पर जलती है इमरजेंसी लाइट
कॉलेज में शाम 6.30 के बाद अंधेरा छाने लगता है। इस कारण सभी छात्र इमरजेंसी लाइट साथ में लेकर आते हैं। अंधेरा होने के बावजूद इमरजेंसी लाइट के सहारे रात नौ बजे तक यह पाठशाला सजी रहती है। टीम को लीड करते हैं राजन कुमार। वे सभी प्रतियोगी छात्रों को परीक्षा के संबंध में साथ पढ़ने वाले छात्रों को निर्देशित करते हैं। फुलवारी शरीफ से रोजाना वे सुबह समय पर लाइब्रेरी पहुंचते हैं। फिलहाल एसएससी सीजीएल की प्रारंभिक परीक्षा में सफल हुए हैं। इनके अलावा कई और छात्र भी इस परीक्षा में सफल हुए हैं। ये सभी छात्र इन दिनों एसएससी द्वारा आयोजित मुख्य परीक्षा की तैयारियों में जुटे हैं।