नॉन इंटरलाकिंग के बाद छपरा से लखनऊ तक सरपट दौड़ेगी ट्रेंने
छपरा : पूर्वोत्तर रेलवे के छपरा-गोरखपुर रूट पर चल रहे नान इंटरलाकिंग के बाद छपरा से लखनऊ तक ट्रेनें सरपट दौड़ने लगेंगी। नान इंटरलाकिंग का कार्य दो दिनों में पूर्ण होने वाला है। विदित हो कि पूर्वोत्तर रेलवे के छपरा जंक्शन से बाराबंकी तक रेलवे ने सात वर्ष पूर्व रेलवे लाइन का दोहरी करण कार्य शुरू किया था। अब दोहरी करण कार्य पूर्ण हो चुका है। छपरा-गोरखपुर रूट पर स्थित चौरीचौरा व बैतालपुर स्टेशन पर नान इंटरलाकिंग का कार्य शुरू हो गया है। रेलवे सूत्रों के मुताबिक दो दिनों में नान इंटरलाकिंग का कार्य पूर्ण हो जाएगा। उसके बाद छपरा से बाराबंकी तक ट्रेनों का परिचालन तीव्र गति से होने लगेगी। बाराबंकी से लेकर लखनऊ तक पहले ही दोहरीकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है। नान इंटरलाकिंग के बाद छपरा से लखनऊ तक ट्रेनें सरपट दौड़ने लगेंगी। सूत्रों के मुताबिक दोहरीकरण के बाद छपरा से लखनऊ जाने में समय कम लगेगा। इसके अलावे दिल्ली जाने में जितना समय लगता है उसमें भी तीन-चार घंटे की कमी आ जाएगी। नान इंटरलाकिंग कार्य को पूर्ण कराने के लिए दो सौ से अधिक रेलवे कर्मियों को चौरीचौरा एवं बैतालपुर स्टेशन पर लगाया गया है। इस कार्य को लेकर छपरा जंक्शन से होकर आने जाने वाली सभी मेल एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन छपरा-सिवान-भटनी-देवरिया के स्थान पर सिवान-थावे-कप्तानगंज-गोरखपुर के रास्ते किया जा रहा है। वहीं कई पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन भी रद कर दिया गया है। रेलवे के अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक दोहरीकरण को शीघ्र पूरा कराने के लिए रेलवे बोर्ड द्वारा लगातार दबाव बनाया जा रहा था। दो दिनों में नान इंटरलाकिंग का कार्य पूर्ण होने के बाद छपरा-गोरखपुर रूट पर ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया जाएगा। इससे यात्रियों के समय की भी काफी बचत होगी और ट्रेनों को क्रासिंग में फंसने से निजात मिल जाएगी। उधर, पूर्व मध्य रेलवे के छपरा से हाजीपुर तक दोहरीकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है। सोनपुर में पुल के निर्माण के बाद सोनपुर व हाजीपुर में भी नान इंटर लाकिंग का कार्य 23 अगस्त से चल रहा था जो पूर्ण हो गया है। अब छपरा से हाजीपुर तक ट्रेनों के आवागमन के दौरान समय की बचत होगी।
इस संबंध में वाराणसी रेलमंडल के पीआरओ अशोक कुमार ने बताया कि
लखनऊ से हाजीपुर तक दोहरीकरण का कार्य पूर्ण हो गया है। अब ट्रेनें लेटलतीफ नहीं होंगी। ट्रेनों को क्रासिंग से निजात मिल जाएगा। दोहरी करण के बाद इस रूट की क्षमता दोगुनी हो जाएगी। अब ट्रेनों की संख्या में बढोतरी से भी कोई परेशानी उत्पन्न नहीं होगी और समय की भी बचत होगी।