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पटना कॉलेज छात्रावासों के ताले तोड़ जबरन कब्जा

By Edited By: Published: Tue, 22 Jul 2014 11:46 AM (IST)Updated: Tue, 22 Jul 2014 11:46 AM (IST)
पटना कॉलेज छात्रावासों के ताले तोड़ जबरन कब्जा

पटना : एआइएसएफ, आइसा, छात्र राजद एवं एआइडीएसओ के कार्यकर्ताओं एवं पटना कॉलेज के हॉस्टल छात्रों ने सोमवार को अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पटना कॉलेज, वाणिज्य महाविद्यालय, दरभंगा हाउस, साइंस कॉलेज एवं लॉ कॉलेज को बंद करा दिया। दोपहर कोपटना कॉलेज के इकबाल हॉस्टल के कमरों में लगे ताले तोड़ दिये व उनमें जबरन कब्जा जमा लिया। प्रदर्शन के कारण इन कॉलेजों में अध्यापन कार्य प्रभावित हुआ। कॉलेज प्रिंसिपल प्रो. नवल किशोर चौधरी ने हॉस्टल के ताले जबरन तोड़ने की घटना के खिलाफ पीर बहोर थाने में मामला दर्ज कराया है।

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छात्र संगठन सुबह 10 बजे के करीब पटना कॉलेज में इकट्ठा हुए व कक्षाओं में प्रवेश करके अध्यापन कार्य बाधित कर दिया। इसके बाद प्रदर्शनकारी छात्र वाणिज्य महाविद्यालय, दरभंगा हाउस, साइंस कॉलेज व लॉ कॉलेज गए। इन सभी जगहों पर कक्षाएं बाधित कर दीं। दोपहर 2:30 बजे के करीब छात्र संगठनों के सदस्यों ने पटना कॉलेज के इकबाल हॉस्टल के गेट पर लगा ताला तोड़ दिया। अंदर प्रवेश करने के बाद कमरों में लगे ताले भी तोड़ दिए। इन कमरों में ज्यादातर ऐसे छात्र प्रवेश कर गए जो पिछले वर्ष यहां रह रहे थे। इसके बाद मिंटो, जैक्सन, न्यू हॉस्टल में भी जबरन वे छात्र प्रवेश कर गए जो इसमें पूर्व में रह रहे थे। दरअसल जैक्सन एवं मिंटो हॉस्टल को सोमवार सुबह में ही पुलिस बल ने खाली कर दिया था जो करीब 25 दिन से वहां रह रहा था। दरअसल जैक्सन, मिंटो एवं न्यू हॉस्टल की जर्जर स्थिति एवं इकबाल हॉस्टल के अधूरे निर्माण के कारण कॉलेज प्रशासन ने इन्हें आवंटित न करने का फैसला लिया है। विश्वविद्यालय ने भी इस फैसले पर अपनी मुहर लगाई है। इसका छात्र संगठन विरोध कर रहे हैं।

वहीं छात्र संगठनों द्वारा इकबाल हॉस्टल का ताला जबरन तोड़ने की घटना से आहत प्रिंसिपल ने कहा कि अगर विश्वविद्यालय में इस तरह का माहौल हो तो कोई भी प्रोफेसर अपनी भूमिका सही से नहीं निभा सकता है। केवल दारोगा ही ऐसी स्थिति में कार्य कर सकता है। उन्होंने कहा कि भले ही छात्र संगठन इस तरह की घटनाओं को क्रांति का नाम दें पर ऐसी घटनाएं जिसमें मर्यादा न हो उसे अराजकता के सिवा कुछ और नहीं कहा जा सकता है। अगर राज्य सरकार भी इस तरह के घटनाक्रम को देखकर कुछ नहीं कर रही है तो वे कुछ नहीं कर सकते हैं। इससे पूर्व सुबह 10:30 के करीब प्रिंसिपल प्रो. चौधरी ने प्रशासनिक भवन के सामने छात्रों को संबोधित किया। दरअसल प्राचार्य को दो दिन पहले सूचना मिली थी कि छात्र संगठनों के सदस्य सोमवार को उनके आवास पर हमले की योजना बना रहे हैं। प्रिंसिपल प्रशासनिक भवन के सामने खड़े हो गए कि जो छात्र उन्हें नुकसान पहुंचाना चाहते हैं वे ऐसा कर सकते हैं। हालांकि प्रदर्शनकारी छात्र उनके पास नहीं पहुंचे।


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