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महादलित समुदाय के लोगों ने काटा बवाल

By Edited By: Published: Tue, 17 Jun 2014 02:54 AM (IST)Updated: Mon, 16 Jun 2014 10:49 PM (IST)

पटना : हवाई अड्डा थानान्तर्गत सिद्धार्थनगर स्थित 24 कठ्ठे के विवादित भूखंड पर बिल्डर द्वारा बाउंड्री किए जाने से नाराज महादलित समुदाय के लोगों ने सोमवार सुबह जमकर बवाल काटा। आक्रोशित जनों ने सुबह करीब सवा नौ बजे सड़क पर आगजनी कर वाहनों का परिचालन ठप कर दिया। दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। गली-कूचे के रास्ते लोग गंतव्य तक पहुंचने की जद्दोजहद कर रहे थे। सूचना मिलते ही ग्रामीण एसपी सह अतिरिक्त प्रभार सिटी एसपी, सदर एसडीओ पंकज दीक्षित, सचिवालय डीएसपी डॉ. मो. शिब्ली नोमानी, दानापुर डीएसपी राजेश कुमार कई थानों की पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे। हालात पर काबू पाने के लिए लाठी बल व वज्र वाहन भी बुलाया गया। मुख्यमंत्री जीतन मांझी से वार्ता करने की मांग पर लोग घंटों सड़क पर डटे रहे। एसडीओ द्वारा मांग पूरा करने का आश्वासन मिलने के बाद लोगों ने पांच घंटे बाद जाम हटाया। दोपहर डेढ़ बजे के बाद वाहनों का आवागमन शुरू हुआ। तनाव को देखते हुए एसडीओ ने उक्त भूखंड पर धारा 144 लागू कर दिया है। हाईकोर्ट ने बिल्डर के हक में फैसला दिया था। हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में पुलिस-प्रशासन के सहयोग से बिल्डर ने भूखंड की चहारदीवारी करवा ली। इसके बाद इलाके में तनाव बढ़ गया।

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पूर्वजों को दान में मिली थी जमीन

हंगामे में शामिल बिरजू मांझी, धुरिया मांझी, मंहगु मांझी, बुघन मांझी समेत अन्य ने बताया कि खाजपुरा के भूस्वामी जनार्दन सिंह ने उक्त 24 कठ्ठे का भूखंड उनके पूर्वजों को दान में दिया था। इसमें से 14 कठ्ठा पर भूमि माफियों ने कब्जा कर लिया, जबकि बाकी का दस कठ्ठा वर्ष 1948 से उनके कब्जे में है। इस जमीन पर वे मृतकों दफनाते हैं। इस भूखंड को लेकर तीन साल पहले उस वक्त विवाद छिड़ा था, जब मेसर्स जयनिवास कंस्ट्रक्शन्स और उसके कथित पार्टनर अमित कुमार पोद्दार ने कागजात दिखा भूखंड पर दावा ठोंका। 5 अप्रैल 2011 को बिल्डर और स्थानीय लोगों ने हिंसक भिड़ंत हो गई थी। इस दौरान बिल्डर की गोली से महादलित परिवार की बुटी देवी की मौत हो गई। साथ ही मालिया देवी, सुरती देवी, रामजी मांझी समेत पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। घटना के बाद हवाई अड्डा के तत्कालीन थानाध्यक्ष मिथिलेश जायसवाल, दरोगा राम नारायण ठाकुर व तीन होमगार्ड को निलंबित कर दिया गया था। साथ ही बिल्डर राजीव कुमार व सहयोगी राजेश कुमार एवं कुमार गौरव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। तीन साल पहले बाउंड्री कराने के लिए जब बिल्डर से जमीन की खुदाई की थी तो उसमें से कई व्यक्तियों का कंकाल निकला था। इससे साबित हो गया था कि वह जमीन मृतकों को दफनाने के काम आती थी।


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